प्रस्तुत पुस्तक ‘राम की अयोध्या’ आज अत्याधिक प्रासंगिक है, क्योंकि अयोध्या में राम जन्मभूमि को लेकर कई दशकों से विवाद चल रहा था, जिसे सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय ने खत्म कर दिया है। यह पुस्तक राम मंदिर निर्माण में आने वाली तमाम राजनीतिक और कानूनी दाव-पेचों को पाठकों तक पहुंचाने का काम करेगी। यह पुस्तक पाठकों की समझ बढ़ाएगी, क्यों राम मंदिर विवाद पैदा हुआ? अयोध्या नगरी का निर्माण कैसे हुआ? इतने वर्षों तक विवाद क्यों और कैसे चला? किन सबूतों के आधार पर राम मंदिर निर्माण का फैसला हुआ? यह पुस्तक श्री राम की अयोध्या को सम्पूर्ण रूप से समझने में पाठकों की मदद करेगी। गत दो दशकों में अपने समसामयिक लेखन के बल पर श्री सुदर्शन भाटिया ने एक नई पहचान बनाई है। यह इस बात से भी सिद्ध हो जाता है कि इन्होंने सेवानिवृत्ति के बाद अपना सारा समय लेखन में लगा दिया और पिछले दस-पन्द्रह वर्षो में अनेक पुस्तकें लिखीं जिनमें ‘अन्ना की जंग’ और ‘प्रणव मुखर्जी की जीवन गाथा’ बहुत चर्चित हुईं।
Ram Ki Ayodhya (राम की अयोध्या)
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प्रस्तुत पुस्तक ‘राम की अयोध्या’ आज अत्याधिक प्रासंगिक है, क्योंकि अयोध्या में राम जन्मभूमि को लेकर कई दशकों से विवाद चल रहा था, जिसे सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय ने खत्म कर दिया है। यह पुस्तक राम मंदिर निर्माण में आने वाली तमाम राजनीतिक और कानूनी दाव-पेचों को पाठकों तक पहुंचाने का काम करेगी। यह पुस्तक पाठकों की समझ बढ़ाएगी, क्यों राम मंदिर विवाद पैदा हुआ? अयोध्या नगरी का निर्माण कैसे हुआ? इतने वर्षों तक विवाद क्यों और कैसे चला? किन सबूतों के आधार पर राम मंदिर निर्माण का फैसला हुआ? यह पुस्तक श्री राम की अयोध्या को सम्पूर्ण रूप से समझने में पाठकों की मदद करेगी। गत दो दशकों में अपने समसामयिक लेखन के बल पर श्री सुदर्शन भाटिया ने एक नई पहचान बनाई है। यह इस बात से भी सिद्ध हो जाता है कि इन्होंने सेवानिवृत्ति के बाद अपना सारा समय लेखन में लगा दिया और पिछले दस-पन्द्रह वर्षो में अनेक पुस्तकें लिखीं जिनमें ‘अन्ना की जंग’ और ‘प्रणव मुखर्जी की जीवन गाथा’ बहुत चर्चित हुईं।
Additional information
Author | Sudarshan Bhatia |
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ISBN | 9789389807745 |
Pages | 456 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
Amazon | https://www.amazon.in/dp/9389807743/ref=sr_1_1?keywords=9789389807745&qid=1581919199&sr=8-1 |
ISBN 10 | 9389807743 |