राम नाम निज औषधि, काटै कोटि विकार। विषम व्याधि ये ऊबरै, काया कंचन सार।। “राम-नाम निज औषधि” – औषधि तुम्हारे भीतर है। और तुम कहां-कहां खोजते फिर रहे हो? “निज औषधि” यह तुम्हारी अपनी है तुम्हारे पास है और वह तुम वैद्यों से पूछतें फिर रहे हो। और एक ही औषधि से सारे विकार कट जाते हैं। वह औषधि बड़ी सीधी और सरल है। इस पुस्तक में ओशो द्वारा दादू-वाणी पर दिए गए दस अमृत प्रवचनों के संकलन ‘पिव पिव लागी प्यार’ से लिए गए पांच (1-5) प्रवचन है।
राम नाम निज औषधि” ओशो द्वारा दिये गए प्रवचनों का संग्रह है, जो संत दादू की वाणी पर आधारित है। इस पुस्तक में ओशो ने संत दादू के विचारों को गहराई से समझाया है और यह बताया है कि किस तरह से “राम नाम” आंतरिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग है। ओशो के अनुसार, राम नाम एक औषधि के समान है जो मनुष्य के भीतर के दुखों और व्याकुलता को समाप्त कर सकता है। यह पुस्तक आत्मज्ञान, भक्ति, और आंतरिक शांति के साधनों को समझने का मार्ग प्रशस्त करती है।
u003cstrongu003eराम नाम को ‘औषधि’ क्यों कहा गया है?u003c/strongu003e
ओशो के अनुसार, राम नाम मन और आत्मा के विकारों को समाप्त करने वाली औषधि है, जो आंतरिक शांति प्रदान करती है।
u003cstrongu003eदादू-वाणी का क्या महत्व है?u003c/strongu003e
दादू-वाणी आत्मज्ञान और भक्ति का प्रतीक है, जो सत्य के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती है।
u003cstrongu003eराम नाम से क्या प्राप्त किया जा सकता है?u003c/strongu003e
राम नाम से आत्म-जागरूकता, आंतरिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।
u003cstrongu003eक्या यह पुस्तक केवल भक्तों के लिए है?u003c/strongu003e
नहीं, यह पुस्तक हर व्यक्ति के लिए है जो आत्मिक उन्नति और भक्ति का अनुभव करना चाहता है।
u003cstrongu003eराम नाम से क्या लाभ होते हैं?u003c/strongu003e
राम नाम से मानसिक शांति, आत्मिक शक्ति और आध्यात्मिक जागरूकता प्राप्त होती है।
u003cstrongu003eओशो ने दादू-वाणी की व्याख्या कैसे की है?u003c/strongu003e
ओशो ने दादू-वाणी को सरल और समझने योग्य भाषा में प्रस्तुत किया है, जिससे व्यक्ति इसे अपने जीवन में आसानी से लागू कर सके।