Sale!
Ratna Ki Baat : Tulsidas Ke Jeevan Per Aadharit Upanyas (रत्ना की बात : तुलसीदास के जीवन पर आधारित उपन्यास)-0
Ratna Ki Baat : Tulsidas Ke Jeevan Per Aadharit Upanyas (रत्ना की बात : तुलसीदास के जीवन पर आधारित उपन्यास)-7490

Ratna Ki Baat : Tulsidas Ke Jeevan Per Aadharit Upanyas (रत्ना की बात : तुलसीदास के जीवन पर आधारित उपन्यास)

Original price was: ₹175.00.Current price is: ₹174.00.

तुलसीदास की महानता का दायरा हम उनकी कालजयी रचना ‘रामचरितमानस’ से लगा सकते है जो आज के समकालीन विश्व में भी प्रख्यात है हमारे आस-पास हो रही रामलीला की उत्पत्ति तुलसीदास की महत्त्वता को दर्शाती है यही वजह है कि हम उन्हें भक्त कवि के रूप में जानते हैं। यह रांगेय राघव की पुस्तक आपको तुलसीदास के भक्ति जीवन को नजदीक से समझने का अवसर देगी यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी की रांगेय राघव की पुस्तक पठनीय रहती है।

About the Author

रांगेय राघव (17 जनवरी, 1923 – 12 सितंबर, 1962) हिंदी के उन विशिष्ट और बहुमुखी प्रतिभा वाले रचनाकारों में से हैं जो बहुत ही कम उम्र लेकर इस संसार में आए, लेकिन जिन्होंने अल्पायु में ही एक साथ उपन्यासकार, कहानीकार, निबंधकार, आलोचक, नाटककार, कवि, इतिहासवेत्ता तथा रिपोर्ताज लेखक के रूप में स्वंय को प्रतिस्थापित कर दिया, साथ ही अपने रचनात्मक कौशल से हिंदी की महान सृजनशीलता के दर्शन करा दिए। आगरा में जन्मे रांगेय राघव ने हिंदीतर भाषी होते हुए भी हिंदी साहित्य के विभिन्न धरातलों पर युगीन सत्य से उपजा महत्त्वपूर्ण साहित्य उपलब्ध कराया। ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि पर जीवनीपरक उपन्यासों का ढेर लगा दिया। कहानी के पारंपरिक ढाँचे में बदलाव लाते हुए नवीन कथा प्रयोगों द्वारा उसे मौलिक कलेवर में विस्तृत आयाम दिया। रिपोर्ताज लेखन, जीवनचरितात्मक उपन्यास और महायात्रा गाथा की परंपरा डाली। विशिष्ट कथाकार के रूप में उनकी सृजनात्मक संपन्नता प्रेमचंदोत्तर रचनाकारों के लिए बड़ी चुनौती बनी।

Additional information

Author

Rangeya Raghav

ISBN

9789355991034

Pages

128

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Junior Diamond

Amazon

https://www.amazon.in/dp/9355991037

Flipkart

https://www.flipkart.com/ratna-ki-baat-tulsidas-ke-jeevan-per-aadharit-upanyas/p/itm81ee6c3569d28?pid=9789355991034

ISBN 10

9355991037

तुलसीदास की महानता का दायरा हम उनकी कालजयी रचना ‘रामचरितमानस’ से लगा सकते है जो आज के समकालीन विश्व में भी प्रख्यात है हमारे आस-पास हो रही रामलीला की उत्पत्ति तुलसीदास की महत्त्वता को दर्शाती है यही वजह है कि हम उन्हें भक्त कवि के रूप में जानते हैं। यह रांगेय राघव की पुस्तक आपको तुलसीदास के भक्ति जीवन को नजदीक से समझने का अवसर देगी यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी की रांगेय राघव की पुस्तक पठनीय रहती है।

About the Author

रांगेय राघव (17 जनवरी, 1923 – 12 सितंबर, 1962) हिंदी के उन विशिष्ट और बहुमुखी प्रतिभा वाले रचनाकारों में से हैं जो बहुत ही कम उम्र लेकर इस संसार में आए, लेकिन जिन्होंने अल्पायु में ही एक साथ उपन्यासकार, कहानीकार, निबंधकार, आलोचक, नाटककार, कवि, इतिहासवेत्ता तथा रिपोर्ताज लेखक के रूप में स्वंय को प्रतिस्थापित कर दिया, साथ ही अपने रचनात्मक कौशल से हिंदी की महान सृजनशीलता के दर्शन करा दिए। आगरा में जन्मे रांगेय राघव ने हिंदीतर भाषी होते हुए भी हिंदी साहित्य के विभिन्न धरातलों पर युगीन सत्य से उपजा महत्त्वपूर्ण साहित्य उपलब्ध कराया। ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि पर जीवनीपरक उपन्यासों का ढेर लगा दिया। कहानी के पारंपरिक ढाँचे में बदलाव लाते हुए नवीन कथा प्रयोगों द्वारा उसे मौलिक कलेवर में विस्तृत आयाम दिया। रिपोर्ताज लेखन, जीवनचरितात्मक उपन्यास और महायात्रा गाथा की परंपरा डाली। विशिष्ट कथाकार के रूप में उनकी सृजनात्मक संपन्नता प्रेमचंदोत्तर रचनाकारों के लिए बड़ी चुनौती बनी।

ISBN10-9355991037

SKU 9789355991034 Categories , , Tags ,