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Sakshi Krishan Aur Raslila (साक्षी कृष्ण और रासलीला)

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Sakshi Krishan Aur Raslila (साक्षी कृष्ण और रासलीला)

पुस्तक के बारे में

भारत ने अब तक जितने विचारक पैदा किये हैं, वे उनमें सबसे मौलिक, सबसे उर्वर, सबसे स्पष्ट और सर्वाधिक सृजनशील विचारक थे। उनके जैसा कोई व्यक्ति हम सदियों तक न देख पाएंगे। ओशो के जाने से भारत ने अपने महानतम सपूतों में से एक खो दिया है। विश्वभर में जो भी खुले दिमाग वाले लोग हैं, वे भारत की इस हानि के भागीदार होंगे। “

लेखक के बारे में

ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है।ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।

u0022साक्षी कृष्ण और रासलीलाu0022 में रासलीला का क्या आध्यात्मिक महत्व बताया गया है?

u0022साक्षी कृष्ण और रासलीलाu0022 में रासलीला को आत्मा और परमात्मा के मिलन का प्रतीक बताया गया है, जहाँ गोपियों का प्रेम और समर्पण ईश्वर के प्रति अटूट भक्ति को दर्शाता है।

कृष्ण की रासलीला को साक्षी भाव से देखने का क्या अर्थ है, जैसा कि u0022साक्षी कृष्ण और रासलीलाu0022 में बताया गया है?

u0022साक्षी कृष्ण और रासलीलाu0022 में साक्षी भाव से देखने का अर्थ है, जीवन की घटनाओं को बिना किसी आसक्ति के देखना, जैसा कृष्ण ने रासलीला में किया। यह दर्शाता है कि व्यक्ति को जीवन के हर पहलू को तटस्थ होकर देखना चाहिए।

u0022साक्षी कृष्ण और रासलीलाu0022 पुस्तक में रासलीला के माध्यम से कौन सा आध्यात्मिक संदेश दिया गया है?

u0022साक्षी कृष्ण और रासलीलाu0022 पुस्तक में बताया गया है कि रासलीला केवल एक नृत्य नहीं, बल्कि आत्मा का परमात्मा से मिलन है, जहाँ हर गोपी आत्मा है और कृष्ण परमात्मा, जो प्रेम और भक्ति का सच्चा स्वरूप प्रदर्शित करते हैं।

u0022साक्षी कृष्ण और रासलीलाu0022 के लेखक के अनुसार, साक्षी भाव से जीने का क्या लाभ है?

u0022साक्षी कृष्ण और रासलीलाu0022 के अनुसार, साक्षी भाव से जीने का लाभ यह है कि व्यक्ति जीवन में बिना आसक्ति और द्वंद्व के शांतिपूर्ण और संतुलित जीवन जी सकता है, जैसा कि कृष्ण ने रासलीला में दिखाया है।

u0022साक्षी कृष्ण और रासलीलाu0022 पुस्तक में भगवान कृष्ण के व्यक्तित्व का कौन सा पक्ष उभारा गया है?

u0022साक्षी कृष्ण और रासलीलाu0022 में भगवान कृष्ण के व्यक्तित्व का साक्षी भाव और तटस्थता वाला पक्ष उभारा गया है, जहाँ वे जीवन की हर घटना को तटस्थ दृष्टिकोण से देखते हैं और उसमें लिप्त नहीं होते।

u0022साक्षी कृष्ण और रासलीलाu0022 में प्रेम और भक्ति का क्या संदेश है?

u0022साक्षी कृष्ण और रासलीलाu0022 में प्रेम और भक्ति का संदेश यह है कि सच्चा प्रेम और भक्ति किसी स्वार्थ या आसक्ति से परे होते हैं। गोपियों का कृष्ण के प्रति प्रेम इस बात का प्रतीक है कि प्रेम का शुद्ध रूप ही ईश्वर तक पहुंचने का मार्ग है।

Additional information

Weight 112 g
Dimensions 19.8 × 12.9 × 0.2 cm
Author

Osho

ISBN

812880491X

Pages

312

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

812880491X

मनुष्य की जो चरम संभावना है, वह ओशो में संभव हुई है। वे मनुष्य में बसी भगवता के गौरीशंकर हैं। वे स्वयं भगवान हैं। ओशो श्री जगत और जीवन को उसकी परिपूर्णता में स्वीकारते हैं। वे पृथ्वी और स्वर्ग, चार्वाक और बुद्ध को जोड़ने वाले पहले सेतु हैं। उनके हाथों पहली बार अखंडित धर्म का, वैज्ञानिक धर्म का, जागतिक धर्म का प्रसार हो रहा है। यही कारण है कि जीवन-निषेध पर खड़े अतीत के सभी धर्म उनके विराध में संयुक्त होकर खड़े हैं। ओशो श्री व्यक्ति की स्वतंत्रता को प्रथम मूल्य देते हैं। धर्म नहीं, धार्मिकता उनका मौलिक स्वर है। उनके अब तक बोले वचनों की 500 पुस्तकें वन चुकी हैं और दुनिया की 35 से अधिक भाषाओं में अनुवादित-प्रकाशित हो रही हैं। सारी दुनिया में श्रेष्ठतम वैज्ञानिक, कलाकार और चैतन्य के खोजी ओशो द्वारा दिशा निर्देशित ‘‘वल्र्ड अकादमी आॅफ क्रिएटिव साइंस, आर्ट्स एंड कान्शसनेस’’ में सम्मिलित हो रहे हैं और अपनी सारी ऊर्जा को सृजनशील में नियोजित कर रहे हैं। हंसते-गाते, उत्सव मनाते ये सृजनशील व्यक्ति ‘‘क्षण-क्षण जीने की कला’’ सीख रहे हैं और इसी दुनिया को स्वर्ग में रूपांतरित कर देने के आघार बन रहे हैं

ISBN: 812880491X ISBN10-812880491X

SKU 9788128804915 Categories , Tags ,

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