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Product Description
“यह एक आनंद की बात है, हमारी विस्मृत हो रही धरोहर से ओशो ने हमारी आज की भाषा में हमारा एक बार फिर से परिचय करवा दिया है। जो आज तक संस्कृत में था, पाली में था, प्राकृत में था और दुख यह था कि जिसकी टीकाएं-व्याख्याएं होती रहीं थीं, वह सारा ज्ञान सरल हिंदी और अंग्रेजी में हमें ऐसी जीवंतता के साथ ओशो ने उपलब्ध करवा दिया है कि हम उसकी मौलिकता को छू सकते हैं, उसकी ऊंचाई पर चढ़कर सांस ले सकते हैं, उसकी गहराइयों में उतर सकते हैं।”
About The Author
ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है। ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।
“समाधि की सुराही” पुस्तक का मुख्य विषय ध्यान और समाधि की गहरी स्थिति को समझाना है, जिसमें मानसिक और आध्यात्मिक शांति प्राप्त करने के उपायों पर चर्चा की गई है।
“समाधि की सुराही” पुस्तक ध्यान, समाधि, और आत्मिक उन्नति की शिक्षाओं पर आधारित है, जो पाठकों को आत्म-जागरूकता और मानसिक शांति प्राप्त करने में मदद करती है।
हां, “समाधि की सुराही” पुस्तक में ध्यान के अभ्यास और उसकी गहराइयों तक पहुँचने के तरीकों पर विस्तार से बताया गया है, जिससे पाठक आत्मिक शांति की ओर अग्रसर हो सकते हैं।
“समाधि की सुराही” पुस्तक का संदेश यह है कि आत्मा की गहराइयों में डूबकर व्यक्ति मानसिक और आत्मिक शांति प्राप्त कर सकता है। यह समाधि की अवस्था में व्यक्ति को जीवन की वास्तविकता से जुड़ने में मदद करती है।
“समाधि की सुराही” पुस्तक के लेखक का दृष्टिकोण यह है कि ध्यान और समाधि के माध्यम से व्यक्ति अपने भीतर की शक्तियों को जाग्रत कर सकता है और जीवन में संतुलन प्राप्त कर सकता है।
हां, “समाधि की सुराही” पुस्तक के माध्यम से ध्यान और समाधि की तकनीकें सीखने से मानसिक तनाव को कम करने और मानसिक शांति प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।
Weight | 449 g |
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Dimensions | 13.97 × 2.01 × 21.59 cm |
Author | Osho |
ISBN | 8171822614 |
Pages | 154 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8171822614 |
ऐसा कौन है जगत में जो ‘समाधि की सुराही’ से न पीना चाहता हो, क्योंकि यही एकमात्र सुराही है जो भरी है आनंद से शांति से, करुणा से, मैत्री से, प्रेम से, उत्सव से, सत से, चित से, अमृतत्व से।
इस ग्रंथ की जो एक अन्य खूबी है वह यह कि संत रज्जब के सूत्रों को हमारे लिए बोधगम्य बनाबने के अलावा ओशो साधकों, जिज्ञासुओं के प्रश्नों के समधान भी देते चलते हैं। ये प्रश्न आपके है, मेरे है, हम सबके हैं, ये सार्वभौम है, क्योंकि प्रत्येक गैर-जागा हुआ व्यक्ति समस्त गैर-जागे हुए व्यक्तियों का प्रतिनिधि है, जैसे कि हर जागी हुई चेतना समस्त जागी हुई चेतनाओं की प्रतिनिधि है। इसलिए यह सारा वार्तालाप हमारे ही जीवन से सीधा संबंधित है।
ISBN: 8171822614
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