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Sambhog Se Samadhi Ki Aur-IV Jeevan Kranti Ke Sutra Hindi(PB)-0
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Sambhog Se Samadhi Ki Aur-IV Jeevan Kranti Ke Sutra (संभोग से समाधि की ओर भाग-4: जीवन क्रान्ति के सूत्र)

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Sambhog Se Samadhi Ki Aur-Iv Jeevan Kranti Ke Sutra (संभोग से समाधि की ओर भाग-4: जीवन क्रान्ति के सूत्र)
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पुस्तक के बारे में

 आज तक मनुष्य की सारी संस्कृतियों ने सैक्स का, काम का, वासना का विरोध किया है। इस विरोध ने, मनुष्य के भीतर प्रेम के जन्म की संभावना तोड़ दी, नष्ट कर दी। इस निषेध ने…क्योंकि सच्चाई यह है कि प्रेम की सारी यात्रा का प्राथमिक बिन्दु काम है. सैक्स है।

■ प्रेम की यात्रा का जन्म, गंगोत्री-जहां से गंगा पैदा होगी प्रेम की-वह सैक्स है, वह काम है।

■ और उसके सब दुश्मन हैं। सारी संस्कृतियां और सारे धर्म, और सारे गुरु और सारे महात्मा-तो गंगोत्री पर ही चोट कर दी। वहीं रोक दिया। पाप है काम, जहर है काम।

लेखक के बारे में

ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।
हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है।
ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।

संभोग से समाधि की ओर भाग-4: जीवन क्रांति के सूत्र पुस्तक का मुख्य उद्देश्य क्या है?

संभोग से समाधि की ओर भाग-4: जीवन क्रांति के सूत्र पुस्तक का उद्देश्य मानव जीवन में आध्यात्मिकता और आत्म-जागृति के माध्यम से एक क्रांतिकारी परिवर्तन को समझाना और उस तक पहुँचने के सूत्र प्रदान करना है।

ओशो के अनुसार संभोग से समाधि की ओर भाग-4: जीवन क्रांति के सूत्र में जीवन क्रांति का क्या अर्थ है?

संभोग से समाधि की ओर भाग-4: जीवन क्रांति के सूत्र में ओशो जीवन क्रांति का अर्थ आत्मज्ञान, प्रेम और ध्यान के माध्यम से व्यक्तिगत और सामाजिक रूप से जीवन के हर पहलू में गहराई से बदलाव लाने से बताते हैं।

संभोग से समाधि की ओर भाग-4: जीवन क्रांति के सूत्र में ओशो ने जीवन क्रांति के कौन-कौन से सूत्र दिए हैं?

इस पुस्तक में ओशो ने जीवन क्रांति के लिए प्रेम, ध्यान, स्वाभाविक जीवन, और अहंकार के त्याग जैसे महत्वपूर्ण सूत्र दिए हैं, जो मनुष्य को समग्रता और संतुलन की ओर ले जाते हैं।

क्या संभोग से समाधि की ओर भाग-4: जीवन क्रांति के सूत्र में ओशो ने ध्यान को जीवन क्रांति का प्रमुख साधन बताया है?

हां, संभोग से समाधि की ओर भाग-4: जीवन क्रांति के सूत्र में ओशो ने ध्यान को आत्म-जागृति और जीवन में क्रांति लाने का प्रमुख साधन बताया है, जो मनुष्य को उच्चतम स्थिति में पहुँचाता है।

संभोग से समाधि की ओर भाग-4: जीवन क्रांति के सूत्र में ओशो ने प्रेम की भूमिका को कैसे समझाया है?

संभोग से समाधि की ओर भाग-4: जीवन क्रांति के सूत्र में ओशो ने प्रेम को एक शक्तिशाली साधन बताया है, जो जीवन में न केवल आनंद और खुशी लाता है बल्कि क्रांतिकारी बदलाव की प्रक्रिया को भी तेज करता है।

ओशो ने संभोग से समाधि की ओर भाग-4: जीवन क्रांति के सूत्र में ध्यान के माध्यम से व्यक्ति की आंतरिक शक्ति को कैसे उजागर किया है?

ओशो ने इस पुस्तक में ध्यान के माध्यम से व्यक्ति की आंतरिक शक्ति को उजागर करते हुए कहा है कि ध्यान हमें हमारी आत्मा से जोड़ता है, जिससे हम जीवन की गहराई और उसकी सच्चाई को समझ सकते हैं।

संभोग से समाधि की ओर भाग-4: जीवन क्रांति के सूत्र में ओशो ने अहंकार को कैसे संबोधित किया है?

संभोग से समाधि की ओर भाग-4: जीवन क्रांति के सूत्र में ओशो ने अहंकार को जीवन की सबसे बड़ी बाधा बताया है, जिसे त्यागने से ही व्यक्ति अपनी असली पहचान और सच्चाई को प्राप्त कर सकता है।

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Additional information

Weight 110 g
Dimensions 24 × 18 × 1 cm
Author

Osho

ISBN

9798171823412

Pages

176

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

8171823416

संभोग से समाधि की ओर भाग-4: जीवन क्रान्ति के सूत्र ओशो की क्रांतिकारी शिक्षाओं पर आधारित एक प्रेरक पुस्तक है। इसमें जीवन के हर पहलू को यौनिकता और समाधि के माध्यम से पुनः परिभाषित किया गया है। ओशो ने जीवन की आंतरिक क्रांति और यौनिकता को आध्यात्मिकता से जोड़ने का नया दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है। यह पुस्तक पाठकों को जीवन में गहरे परिवर्तन के सूत्र सिखाती है और आंतरिक विकास की दिशा में प्रेरित करती है।

ISBN10: 8171823416

SKU 9798171823412 Categories , Tags ,

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