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Sampurna Scientific Vasstu PB Hindi-0

Sampurna Scientific Vasstu PB Hindi

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वास्तुशास्त्र एक विज्ञान है। अत: वास्तुदोषों का निवारण भी वैज्ञानिक तरीके से ही करना चाहिए। वास्तुदोष होने पर किसी भी प्रकार के टोने-टोटके, पूजा-पाठ, यंत्र-तंत्र-मंत्र, पिरामिड,
श्री यंत्र, कुछ गाड़ना या लगाना सब व्यर्थ होता है। यदि किसी मंदिर का वास्तु-विन्यास ठीक न हो तो वहाँ भी ज्यादा लोग दर्शन करने नहीं जाते, मंदिर में चढ़ावा भी ठीक नहीं आता, जबकि स्वयं भगवान वहाँ विराजमान रहते हैं।
वास्तुदोष सिर्फ और सिर्फ भवन की बनावट में वास्तुनुकूल परिवर्तन करके ही दूर किए जा सकते हैं। वास्तुनुकूल परिवर्तन करने से 100 प्रतिशत सकारात्मक परिणाम निश्चित रूप से प्राप्त होते हैं। इसके अलावा अन्य कोई भी उपाय या वैकल्पिक तरीका सब पैसे और समय बर्बाद करने वाली बातें हैं।
वास्तु एवं ज्योतिष के क्षेत्र में वास्तुगुरु श्री कुलदीप सलूजा की विशेष अभिरुचि होने के कारण इन्होंने विगत 30 वर्षों तक इसका गहन अध्ययन किया और साथ ही इस क्षेत्र में पनप रही रूढ़िवादिता को चुनौती भी दी। उनकी सलाह व दिशा-निर्देश पूर्ण रूप से विज्ञान पर आधारित हैं। वास्तु एवं ज्योतिष विषयक पर आपने लेखन, अनुसंधान और परामर्श से भारत ही नहीं, अपितु विश्व के ५० से अधिक देशों में लोक कल्याण का अलख जगाया है।
‘पिरामिड वास्तु सिर्फ धोखाÓ जैसी चर्चित पुस्तक के रचयिता श्री सलूजा की वैज्ञानिक जानकारी से परिपूर्ण वास्तु एवं फेंगशुई की किताबों के साथ-साथ अन्य विषयों पर 28४ किताबें भारत के प्रसिद्ध प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित की जा चुकी हैं। वास्तु विषय पर आपके लेख कई भाषाओं में भारत की अनेकों पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं।
सुखद, सरल, स्वस्थ एवं समृद्धशाली जीवन जीने का एकमात्र सरल उपाय वास्तुनुकूल घर में निवास करना और व्यावसायिक स्थल पर व्यवसाय करना है। यह पुस्तक निश्चित ही आपके इस वाब को हकीकत में बदल सकती है।
यह पुस्तक वास्तु के उन विद्यार्थियों के लिए भी उपयोगी होगी, जो वास्तुशास्त्र के गहन अध्ययन के साथ-साथ व्यावहारिक ज्ञान भी प्राप्त करना चाहते हैं।

Additional information

Author

Kuldeep Saluja

ISBN

9789352788439

Pages

48

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Jr Diamond

ISBN 10

9352788435

वास्तुशास्त्र एक विज्ञान है। अत: वास्तुदोषों का निवारण भी वैज्ञानिक तरीके से ही करना चाहिए। वास्तुदोष होने पर किसी भी प्रकार के टोने-टोटके, पूजा-पाठ, यंत्र-तंत्र-मंत्र, पिरामिड,
श्री यंत्र, कुछ गाड़ना या लगाना सब व्यर्थ होता है। यदि किसी मंदिर का वास्तु-विन्यास ठीक न हो तो वहाँ भी ज्यादा लोग दर्शन करने नहीं जाते, मंदिर में चढ़ावा भी ठीक नहीं आता, जबकि स्वयं भगवान वहाँ विराजमान रहते हैं।
वास्तुदोष सिर्फ और सिर्फ भवन की बनावट में वास्तुनुकूल परिवर्तन करके ही दूर किए जा सकते हैं। वास्तुनुकूल परिवर्तन करने से 100 प्रतिशत सकारात्मक परिणाम निश्चित रूप से प्राप्त होते हैं। इसके अलावा अन्य कोई भी उपाय या वैकल्पिक तरीका सब पैसे और समय बर्बाद करने वाली बातें हैं।
वास्तु एवं ज्योतिष के क्षेत्र में वास्तुगुरु श्री कुलदीप सलूजा की विशेष अभिरुचि होने के कारण इन्होंने विगत 30 वर्षों तक इसका गहन अध्ययन किया और साथ ही इस क्षेत्र में पनप रही रूढ़िवादिता को चुनौती भी दी। उनकी सलाह व दिशा-निर्देश पूर्ण रूप से विज्ञान पर आधारित हैं। वास्तु एवं ज्योतिष विषयक पर आपने लेखन, अनुसंधान और परामर्श से भारत ही नहीं, अपितु विश्व के ५० से अधिक देशों में लोक कल्याण का अलख जगाया है।
‘पिरामिड वास्तु सिर्फ धोखाÓ जैसी चर्चित पुस्तक के रचयिता श्री सलूजा की वैज्ञानिक जानकारी से परिपूर्ण वास्तु एवं फेंगशुई की किताबों के साथ-साथ अन्य विषयों पर 28४ किताबें भारत के प्रसिद्ध प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित की जा चुकी हैं। वास्तु विषय पर आपके लेख कई भाषाओं में भारत की अनेकों पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं।
सुखद, सरल, स्वस्थ एवं समृद्धशाली जीवन जीने का एकमात्र सरल उपाय वास्तुनुकूल घर में निवास करना और व्यावसायिक स्थल पर व्यवसाय करना है। यह पुस्तक निश्चित ही आपके इस वाब को हकीकत में बदल सकती है।
यह पुस्तक वास्तु के उन विद्यार्थियों के लिए भी उपयोगी होगी, जो वास्तुशास्त्र के गहन अध्ययन के साथ-साथ व्यावहारिक ज्ञान भी प्राप्त करना चाहते हैं।

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