Sankibai Shankri (Hindi)
Sankibai Shankri (Hindi)
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युगों-युगों से स्त्रीं चाहे किसी भी देश की बात हो प्रताडि़त और पुरुषों के अध्ीन मानी जाती रही है। ऐसा नहीं है कि महिला वर्ग ने कभी इस अन्याय के खिलापफ आवाज नहीं उठाई, समय-समय पर वह अपने तरीके से शोषण और अत्याचार के विरु( आवाज उठाकर अपने मानवाध्किारों का रक्षण करती आई है। सदियों से घर और बाहर दोनों जगहों पर अन्याय झेल रही स्त्रीं ने सभी विपरीत परिस्थितियों के बावजूद शिक्षा, स्वतन्त्राता एवं समानता के दृष्टिकोण से कई ऐसे परचम लहराए हैं जो उन्हें पुरुषों के साथ लाकर खड़ा कर देते हैं। बदलते समय में शिक्षा और आर्थिक निर्भरता के बल पर आज की नारी पहले से कहीं अध्कि शक्तिशाली बन सम्मान के साथ अपना जीवन व्यतीत करती है।इस पुस्तक के माध्यम से पाठक-वर्ग दुनिया-भर में अपनी योग्यता का डंका पीट चुकी स्त्रिायों की संक्षिप्त जीवनी पढ़ सकेंगे। आज की नारी किसी भी तरह से पुरुषो से कम नहीं है। उन्होंने समाज के अनेक क्षेत्रा जैसे राजनीति, समाज सेवा, शिक्षा, उद्योग एवं अर्थशास्त्रा आदि में अपना अमूल्य योगदान दिया है।
Additional information
Author | Sarojani Preetam |
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ISBN | 9788128823138 |
Pages | 298 |
Format | Paper Back |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8128823132 |