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हिंदी मान्यताओ का वैज्ञानिक आधार-0
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हिंदी मान्यताओ का वैज्ञानिक आधार

Original price was: ₹175.00.Current price is: ₹174.00.

पुस्तक के बारे में

वैदिक विद्वानो के पास जो परंपरागत हस्तलिखित पुस्तकें हैं, वे उन्हे दूसरों को देते नहीं। ज्ञान का लोप हो रहा है। श्रीमाली ब्राहणों के कुलगुरू, प्रातः स्मरणीय पुण्यष्लोग वेदपाठी पूजय पिताश्री स्व. जयनारायण जी द्विवेदी की अन्तिम इच्छा थी कि अपनी कुलपरंपरागत पुस्तकों का ज्ञान आम जनता को वितरित करों, ताकि ब्राहण उठकर खडे़ हो सकें। सही व सच्चे ज्ञान को प्राप्त कर, धर्मानुरागी समाज भी आष्वस्त रहे तथा ज्ञान व तेजस्विता का प्रकाष सर्वत्र फैल सके। यज्ञोपवीत एवं विवाह हिन्दू धर्म के अति आवष्यक एवं महत्वपूर्ण संस्कार हैं। पौरोहित्य व कर्मकाण्ड की तकनीकी पुस्ताकों की श्रृखला में यज्ञकुण्डमण्डपसिद्धि, कासर्पयोग षांति, अन्त्येश्टि व रुद्री के पष्चात् ‘डायमंड प्रकाषन’ की यह सबसे महत्वपूर्ण पुस्तक है जो धार्मिक संस्कार व पुरातन सांस्कृतिक परंपराओं की सुरक्षा हेतु अवलंबित ज्ञान की एक महतवपूर्ण कड़ी है।
हिन्दू सोहल संस्कारों की सम्पूर्ण जानकारी के साथ व्यावहारिक रूप से विवाह कराने की प्रथा पर यह पुस्तक भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर है, जिसे हस्तगत कर कोई भी व्यक्ति, किसी भी व्यक्ति का यज्ञोपवीत एवं विवाह-संस्कार वैदिक रीति-रिवाज के अनुसार करा सकता है। -प्रकाषक

लेखक के बारे में

डॉ. भोजराज दिवेदी एक विश्वविख्यात वास्तुशास्त्री एवं ज्योतिषाचार्य हैं। ‘अंतर्राष्ट्रीय वास्तु एसोसिएशन’ के संस्थापक डॉ. भोजराज जी की यशस्वी लेखनी से रचित ज्योतिष, वास्तुशास्त्र, हस्तरेखा, अंकविद्या, यंत्र-तंत्र-मंत्र विज्ञान और कर्मकाण्डों पर आधारित 400 से अधिक पुस्तकें देश-विदेश में अनेक भाषाओँ में पढ़ी जाती हैं। इस पुस्तक के सहलेखक पं. रमेश भोजराज दिवेदी ने अल्प समय में ही ज्योतिष, वास्तुशास्त्र, हस्तरेखा, अंकविद्या आदि के क्षेत्र में विशेष ख्याति अर्जित की है। भारत की कई प्रसिद्ध हस्तियां, राजनेता, फिल्म सितारे, क्रिकेट खिलाड़ी दिवेदी जी से नियमित ज्योतिषीय परामर्श व मार्गदर्शन लेते रहते हैं।

क्या हिंदी मान्यताओ का वैज्ञानिक आधार पुस्तक में सभी हिंदी मान्यताओं का वैज्ञानिक विश्लेषण है?

इस पुस्तक में मुख्य हिंदी मान्यताओं और परंपराओं का वैज्ञानिक आधार प्रस्तुत किया गया है, जिससे समझा जा सके कि ये परंपराएँ किस प्रकार वैज्ञानिक और तार्किक सिद्धांतों से जुड़ी हैं।

किस प्रकार की मान्यताओं का पुस्तक में उल्लेख है?

पुस्तक में धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, और स्वास्थ्य संबंधी मान्यताओं का वर्णन है, जैसे तुलसी के पौधे का महत्व, व्रत-उपवास, पूजा-पाठ, और पारंपरिक खानपान।

क्या हिंदी मान्यताओ का वैज्ञानिक आधार पुस्तक सभी आयु वर्ग के लिए समझने योग्य है?

हां, यह पुस्तक सरल भाषा में लिखी गई है और इसे सभी आयु वर्ग के लोग आसानी से समझ सकते हैं।

हिंदी मान्यताओ का वैज्ञानिक आधार पुस्तक में हर मान्यता के लिए प्रमाणित वैज्ञानिक अध्ययन दिए गए हैं?

पुस्तक में कुछ प्रमुख मान्यताओं के लिए वैज्ञानिक अध्ययन और शोध के उदाहरण दिए गए हैं, जो उनकी सटीकता और उपयोगिता को प्रमाणित करते हैं।

हिंदी मान्यताओ का वैज्ञानिक आधार पुस्तक को पढ़ने से क्या लाभ हो सकता है?

इस पुस्तक को पढ़ने से पाठक भारतीय परंपराओं के प्रति एक नई वैज्ञानिक दृष्टि से समझ प्राप्त कर सकते हैं, और यह समझ सकते हैं कि हमारी कई मान्यताएं स्वास्थ्य और मानसिक संतुलन के लिए किस प्रकार फायदेमंद हैं।

Additional information

Weight 210 g
Dimensions 21.6 × 14 × 1 cm
Author

Bhojraj Dwivedi

ISBN

9789351655978

Pages

248

Format

Paper Back

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

9351655970

“हिंदी मान्यताओं का वैज्ञानिक आधार” पुस्तक भारतीय मान्यताओं और परंपराओं के पीछे छिपे वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विस्तार से वर्णन करती है। यह पुस्तक धार्मिक अनुष्ठानों, परंपराओं, और दैनिक जीवन में अपनाई जाने वाली प्रथाओं के वास्तविक वैज्ञानिक कारणों को सामने लाती है। भारत में सदियों से चली आ रही परंपराएं, जैसे तुलसी पूजा, हवन, हाथों से भोजन करना, सूर्य को जल अर्पण करना, और धार्मिक त्योहारों को मनाने के पीछे छिपे विज्ञान को यह पुस्तक सरल और स्पष्ट रूप में प्रस्तुत करती है। यह एक ऐसी कृति है जो भारतीय संस्कृति के प्रति एक नए दृष्टिकोण का निर्माण करती है और हमें हमारी धरोहर पर गर्व करने के लिए प्रेरित करती है।

ISBN10-9351655970

SKU 9789351655978 Categories , , Tags ,

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