“शिरडी के साईं बाबा को हिन्दू और मुस्लिम लोगों द्वारा एक भारतीय गुरु, योगी और पफकीर के रूप में पूजा जाता है। साईं बाबा को ना केवल भारत में बल्कि विश्व-भर में प्रसिद्ध संत के रूप में जाना जाता है। साईं बाबा ने दान और त्याग व बलिदान की भावना की महत्ता से लोगों को अवगत कराया। उन्होंने अपने भक्तों को सदाचारी जीवन व जरूरतमंदों की मदद करने की शिक्षा दी। साईं बाबा ने स्नेह, क्षमा, दूसरों की मदद करना, दान देना, आत्मिक शांति व अपने ईश्वर और गुरु के प्रति समर्पण-भाव के उपदेश दिए। वे पृथ्वी पर विद्यमान सभी जीवों को समान मानते थे। किसी की जाति-धम॔ के अनुसार लोगों से व्यवहार करने को साईं बाबा गलत मानते थे। वे धर्मिक रूढ़ियों-कर्मकाण्डों को अनुचित मानते थे। वे हमेशा सादा जीवन, उच्च विचार को जीवन में महत्त्वपूर्ण मानते थे।”
ShirdiSai Baba PB
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“शिरडी के साईं बाबा को हिन्दू और मुस्लिम लोगों द्वारा एक भारतीय गुरु, योगी और पफकीर के रूप में पूजा जाता है। साईं बाबा को ना केवल भारत में बल्कि विश्व-भर में प्रसिद्ध संत के रूप में जाना जाता है। साईं बाबा ने दान और त्याग व बलिदान की भावना की महत्ता से लोगों को अवगत कराया। उन्होंने अपने भक्तों को सदाचारी जीवन व जरूरतमंदों की मदद करने की शिक्षा दी। साईं बाबा ने स्नेह, क्षमा, दूसरों की मदद करना, दान देना, आत्मिक शांति व अपने ईश्वर और गुरु के प्रति समर्पण-भाव के उपदेश दिए। वे पृथ्वी पर विद्यमान सभी जीवों को समान मानते थे। किसी की जाति-धम॔ के अनुसार लोगों से व्यवहार करने को साईं बाबा गलत मानते थे। वे धर्मिक रूढ़ियों-कर्मकाण्डों को अनुचित मानते थे। वे हमेशा सादा जीवन, उच्च विचार को जीवन में महत्त्वपूर्ण मानते थे।”
ISBN10-9383225521
Additional information
Author | O. P. Jha |
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ISBN | 9789383225521 |
Pages | 160 |
Format | Paper Back |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 9383225521 |