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शिव पुराण’ एक प्रमुख तथा सुप्रसिद्ध पुराण है, जिसमें परब्रह्मा परमेश्वर के ‘शिव’ (कल्याणकारी) स्वरूपका तात्त्विक विवेचन, रहस्य, महिमा एवं उपासना का विस्तृत वर्णन है। भगवान शिव पंचदेवों में प्रधान कहे गए हैं। इस पावन पुराणमें महर्षि वेदव्यास ने भगवान् शिव को अव्यक्त, अजन्मा,सृष्टि-रचना का मूल कारक,पालक एवं संहारक कहकर उनके निराकार और साकार स्वरूप का परिचय दिया है। इस पुराण में शिव तत्व के विस्तृत विवेचन के साथ-साथ शिव-अवतार महिमा और उनकी शिक्षाप्रद, रोचक, मनोहारी एवं प्रेरणादायी लीला-कथाओं का सुंदर संयोजन है। इसके अतिरिक्त इसमें भगवान् शिव की पूजा-पद्धति और अनेक ज्ञानप्रद आख्यानों का समावेश है।
About The author
डॉ. विनय हमेशा से भारतीय संतों से सृष्टि के रहस्यों को जानने का प्रयास करते रहे। उनके अनुसार, आधुनिक जीवन में, कई विशिष्ट चीज़ों पर असहमति के बावजूद, मानव मूल्यों का महत्व कम नहीं हो सकता, क्योंकि बिना मानव गुणों के किसी बेहतर समाज की कल्पना नहीं की जा सकती। विनय के अनुसार, हमारी पौराणिक कथाएँ हमारे मन की नींव को तैयार करती हैं। अपने साहित्य के माध्यम से, विनय भारतीय पौराणिक कथाओं, उनके रहस्यों और अनुष्ठानों के महत्व को प्रस्तुत करने की कोशिश करते हैं। इस लेखक के अन्य कार्यों में कूर्म पुराण, मत्स्य पुराण, स्कंद पुराण, पद्म पुराण, पदम पुराण, कल्कि पुराण, वाराह पुराण, ब्रह्मा पुराण, नारद पुराण, गणेश पुराण और देवी भगत पुराण शामिल हैं।
“Shiv Puran (शिव पुराण)” के प्रमुख पात्र कौन हैं?
इस पुराण में मुख्य रूप से भगवान शिव, देवी पार्वती, भगवान गणेश, भगवान कार्तिकेय, और अन्य देवी-देवताओं का वर्णन किया गया है। इसमें शिव के भक्तों और राक्षसों से जुड़ी कथाओं को भी शामिल किया गया है।
“Shiv Puran (शिव पुराण)” किस बारे में है?
“Shiv Puran (शिव पुराण)” एक धार्मिक ग्रंथ है जो भगवान शिव की महिमा, उनकी लीलाओं, और उनकी उपासना की विधियों का वर्णन करता है। इसमें शिव के विभिन्न रूपों, उनकी शक्ति, और उनके भक्तों की कहानियों का वर्णन है।
“Shiv Puran (शिव पुराण)” कितने खंडों में विभाजित है?
“Shiv Puran” में 12 खंड (संहिताएं) हैं। इनमें रुद्र संहिता, कोटि रुद्र संहिता, उमा संहिता, कैलास संहिता, और धर्म संहिता प्रमुख हैं। प्रत्येक संहिता में शिव से संबंधित विभिन्न घटनाओं और शिक्षाओं का वर्णन है।
“Shiv Puran (शिव पुराण)” का धार्मिक महत्व क्या है?
“Shiv Puran” हिन्दू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक है। इसे पढ़ने और सुनने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और यह मोक्ष प्राप्ति का मार्ग बताता है। यह शिव उपासना के साथ-साथ धार्मिक और नैतिक शिक्षाओं पर भी जोर देता है।
क्या “Shiv Puran (शिव पुराण)” का पाठ विशेष अवसरों पर किया जाता है?
हाँ, “Shiv Puran” का पाठ विशेष रूप से श्रावण मास, महाशिवरात्रि, और भगवान शिव से जुड़े अन्य पवित्र अवसरों पर किया जाता है। इसे भक्तों द्वारा घरों और मंदिरों में भी नियमित रूप से पढ़ा जाता है।
“Shiv Puran (शिव पुराण)” में भगवान शिव की कौन सी लीलाएं वर्णित हैं?
“Shiv Puran” में भगवान शिव की अनेक लीलाओं का वर्णन है, जैसे सृष्टि की रचना, उनके द्वारा त्रिपुरासुर का वध, गणेश का जन्म, और कामदेव का संहार। ये कथाएँ शिव की महिमा और उनके अनंत रूपों को प्रकट करती हैं।