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माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर अर्थात् श्री गुरुजी-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दूसरे सरसंघचालक थे । इकहरी देह, कंधों पर झूलती काली-धुंघराली केशराशि और चेहरे पर ठहरी मधुर मुस्कान उन्हें साक्षात् किसी देवदूत-सा दर्शाती थी । उनके मार्गदर्शन में संघ ने दिन दूनी रात चौगुनी उन्नति की और देश हित से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण कार्य किए।
श्री गुरुजी ने अपना सारा जीवन संघ और देश के प्रति निःस्वार्थ रूप से अर्पित कर दिया था। कश्मीर समस्या, असम समस्या, बंटवारे की समस्या और उसके बाद की समस्याएं-भूख, अकाल, बेकारी आदि सभी के लिए उन्होने डटकर कार्य किया था और तत्कालीन सरकार से भी अपनी बुद्धि और कार्यक्षमता का लोहा मनवा लिया था।
इस पुस्तक में उन्हीं महान, प्रातः स्मरणीय माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर अर्थात् श्री गुरुजी की अनंत जीवनगाथा को प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है। आशा है! पाठकों को यह पुस्तक अवश्य रुचिकर लगेगी। अपने अमूल्य सुझावों से अवश्य अवगत कराएं।
Author | Harish Dutt Sharma |
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ISBN | 9788128810299 |
Pages | 376 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Toons |
Amazon | |
Flipkart | https://www.flipkart.com/shri-gurujee-golvalkar/p/itmde925fda51ec8?pid=9788128810299 |
ISBN 10 | 8128810294 |
माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर अर्थात् श्री गुरुजी-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दूसरे सरसंघचालक थे । इकहरी देह, कंधों पर झूलती काली-धुंघराली केशराशि और चेहरे पर ठहरी मधुर मुस्कान उन्हें साक्षात् किसी देवदूत-सा दर्शाती थी । उनके मार्गदर्शन में संघ ने दिन दूनी रात चौगुनी उन्नति की और देश हित से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण कार्य किए।
श्री गुरुजी ने अपना सारा जीवन संघ और देश के प्रति निःस्वार्थ रूप से अर्पित कर दिया था। कश्मीर समस्या, असम समस्या, बंटवारे की समस्या और उसके बाद की समस्याएं-भूख, अकाल, बेकारी आदि सभी के लिए उन्होने डटकर कार्य किया था और तत्कालीन सरकार से भी अपनी बुद्धि और कार्यक्षमता का लोहा मनवा लिया था।
इस पुस्तक में उन्हीं महान, प्रातः स्मरणीय माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर अर्थात् श्री गुरुजी की अनंत जीवनगाथा को प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है। आशा है! पाठकों को यह पुस्तक अवश्य रुचिकर लगेगी। अपने अमूल्य सुझावों से अवश्य अवगत कराएं।