Product Description
भारतीय जीवन-धारा में जिन ग्रंथों का महत्वपूर्ण स्थान है उनमें पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। पुराण-साहित्य भारतीय जीवन और साहित्य को अक्षुण्ण निधि है। इनमें मानव जीवन के उत्कर्ष और अपकर्ष की अनेक गाथाएं मिलती हैं। कर्मकांड से ज्ञान की ओर आते हुए भारतीय मानस चिंतन के बाद भक्ति की अविरल धारा प्रवाहित हुई। विकास की इसी प्रक्रिया में बहुदेववाद और निर्गुण ब्रह्म की स्वरूपात्मक व्याख्या से धीरे-धीरे भारतीय मानस अवतारवाद या सगुण भक्ति की ओर प्रेरित हुआ। अठारह पुराणों में अलग-अलग देवी देवताओं को केन्द्र मान कर पाप और पुण्य, धर्म और अधर्म, कर्म और अकर्म की गाथाएं कही गई है।आज के निरन्तर द्वन्द्व के युग में पुराणों का पठन मनुष्य को उस इन्द्र से मुक्ति दिलाने में एक निश्चित दिशा दे सकता है और मानवता के मूल्यों की स्थापना में एक सफल प्रयास सिद्ध हो सकता है। इसी अश्य को सामने रख कर पाठकों की रुचि के अनुसार सरल, सहज भाषा में पुराण साहित्य की श्रृंखला में यह पुस्तक प्रस्तुत है।
“श्रीमद् भागवत् पुराण” की रचना किसने की?
“श्रीमद् भागवत् पुराण” की रचना महर्षि वेदव्यास द्वारा की गई है। यह 18 पुराणों में सबसे महत्वपूर्ण और भक्तिपूर्ण पुराण माना जाता है।
“श्रीमद् भागवत् पुराण” में कितने स्कंध होते हैं?
“श्रीमद् भागवत् पुराण” में कुल 12 स्कंध (अध्याय) होते हैं, जिनमें विभिन्न कथाएँ और उपदेश दिए गए हैं।
“श्रीमद् भागवत् पुराण” का मुख्य उद्देश्य क्या है?
“श्रीमद् भागवत् पुराण” का मुख्य उद्देश्य भगवान की महिमा और उनके भक्तों की भक्ति को प्रकट करना है, जिससे मानव जीवन में धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति हो सके।
“श्रीमद् भागवत् पुराण” के कौन-कौन से प्रमुख पात्र हैं?
“श्रीमद् भागवत् पुराण” के प्रमुख पात्रों में भगवान कृष्ण, राजा परीक्षित, ध्रुव, प्रह्लाद, गजेंद्र और कई अन्य भक्त शामिल हैं, जिन्होंने भगवान की भक्ति से मोक्ष प्राप्त किया।
“श्रीमद् भागवत् पुराण” का भक्तों के जीवन में क्या महत्व है?
“श्रीमद् भागवत् पुराण” भक्तों के लिए भगवान की भक्ति और उनकी कृपा प्राप्त करने का मार्गदर्शन करता है। इसे पढ़ने और सुनने से आत्मिक शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
“श्रीमद् भागवत् पुराण” में भगवान कृष्ण की कौन सी प्रमुख लीलाएँ वर्णित हैं?
“श्रीमद् भागवत् पुराण” में भगवान कृष्ण की बाल लीलाएँ, गोपियों के साथ रास लीला, और कंस वध जैसी प्रमुख लीलाओं का वर्णन है।