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सिंहासन बत्तीसी सम्राट विक्रमादित्य के जीवन से संबंधित राजनीति, दया, दान, ज्ञान, त्याग और उनके न्याय से संबंधित उन 32 कथाओं का संग्रह है जो उनके सिंहासन से जुड़ी बत्तीस पुतलियों द्वारा राजा भोज को सुनाई गई थीं। इन कथाओं से हमें ज्ञात होता है कि सम्राट विक्रमादित्य कौन थे, उनके न्याय करने का ढंग कैसा था? वह लोक जीवन में न्यायप्रिय राजा के नाम से हजारों वर्षों बाद भी क्यों लोकप्रिय हैं?
सिंहासन बत्तीसी की कहानियां आज भी उतनी ही महत्वपूर्ण है, जितनी पहले थी। समय-काल जरूर बदला है लेकिन एक राजा का सर्वोच्च धर्म जनता जनार्दन का कल्याण करना ही सर्वप्रथम और अन्तिम लक्ष्य होता है। इस पुस्तक में सम्राट विक्रम के अनोखे प्रयोग हैं जो आज की जरूरत हैं। किशोरों के व्यक्तित्व विकास के लिए इन कथाओं का अपना अलग और प्रभावपूर्ण महत्व होगा।
Author | M.M. Chandra |
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ISBN | 9789352610563 |
Pages | 144 |
Format | Paper Back |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
Amazon | |
Flipkart | https://www.flipkart.com/sinhasan-battisi/p/itm33d935f250911?pid=9789352610563 |
ISBN 10 | 9352610563 |
सिंहासन बत्तीसी सम्राट विक्रमादित्य के जीवन से संबंधित राजनीति, दया, दान, ज्ञान, त्याग और उनके न्याय से संबंधित उन 32 कथाओं का संग्रह है जो उनके सिंहासन से जुड़ी बत्तीस पुतलियों द्वारा राजा भोज को सुनाई गई थीं। इन कथाओं से हमें ज्ञात होता है कि सम्राट विक्रमादित्य कौन थे, उनके न्याय करने का ढंग कैसा था? वह लोक जीवन में न्यायप्रिय राजा के नाम से हजारों वर्षों बाद भी क्यों लोकप्रिय हैं?
सिंहासन बत्तीसी की कहानियां आज भी उतनी ही महत्वपूर्ण है, जितनी पहले थी। समय-काल जरूर बदला है लेकिन एक राजा का सर्वोच्च धर्म जनता जनार्दन का कल्याण करना ही सर्वप्रथम और अन्तिम लक्ष्य होता है। इस पुस्तक में सम्राट विक्रम के अनोखे प्रयोग हैं जो आज की जरूरत हैं। किशोरों के व्यक्तित्व विकास के लिए इन कथाओं का अपना अलग और प्रभावपूर्ण महत्व होगा।
ISBN10-9352610563