गरीबी है-सो तो है
भूखमरी है- सो तो है
होतीलाल की हालत खस्ता है-सो तो खस्ता है।
उनके पास कोई रास्ता नहीं है- सो तो है।
पांय लागूं, पांय लागूं बौहरे
आप धन्न हैं,
आपका ही खाता हूं
आपका ही अन्न है।
आपकी ही अन्न है।
-सो तो है खचेरा।
वह जानता है
उसका कोई नहीं है,
उसकी मेहनत भी उसकी नहीं है-सो तो है।
So Toh Hai (सो तो है)
₹150.00
गरीबी है-सो तो है
भूखमरी है- सो तो है
होतीलाल की हालत खस्ता है-सो तो खस्ता है।
उनके पास कोई रास्ता नहीं है- सो तो है।
पांय लागूं, पांय लागूं बौहरे
आप धन्न हैं,
आपका ही खाता हूं
आपका ही अन्न है।
आपकी ही अन्न है।
-सो तो है खचेरा।
वह जानता है
उसका कोई नहीं है,
उसकी मेहनत भी उसकी नहीं है-सो तो है।
ISBN10-8171829619
Additional information
Author | Ashok Chakradhar |
---|---|
ISBN | 8171829619 |
Pages | 160 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8171829619 |
SKU
9788171829613
Categories Humorous Poetry, Humour