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Somnath In Hindi (सोमनाथ) In Hardcover

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किताब के बारे में

सोमनाथ एक प्रेरणादायक ऐतिहासिक उपन्यास है जो भारत के धार्मिक और सांस्कृतिक इतिहास को उजागर करता है। यह कहानी सोमनाथ मंदिर के गौरवशाली इतिहास, संघर्ष और विजय की दास्तां को प्रस्तुत करती है।भारत के कोने-कोने से श्रद्धालु यात्री ठठ-के-ठठ बारहों महीने इस महातीर्थ में आते और सोमनाथ के भव्य दर्शन करते थे। अनेक राजा-रानी, राजवंशी, धनी-कुबेर, श्रीमंत-साहूकार यहां महीनों रुके रहते थे और अनगिनत धन-रत्न, गांव-धरती सोमनाथ के चरणों में चढ़ा जाते थे।उसी अवर्णनीय, अतुलनीय वैभव से युक्त सोमनाथ के पतन की करुण कथा है इस उपन्यास में ओर है सुलतान महमूद गजनवी के सत्रहवें आक्रमण की क्रूर कहानी।इसमें वीरता और निष्ठा भी है, तो कायरता और विश्वासघात की घृणित तस्वीर भी। कहीं स्नेह और प्रेम के धागे हैं, तो कहीं निष्ठुरता और ज़ुल्म के बर्छे-भाले भी।यह एक ऐसा उपन्यास है, जो पाठक के सामने एक पूरे युग का सम्पूर्ण चित्र खड़ा कर देता है। एक-एक दृश्य जीता-जागता और दिल को छू लेने वाला है।


लेखक के बारे में

आचार्य चतुरसेन जी साहित्य की किसी एक विशिष्ट विधा तक सीमित नहीं हैं। उन्होंने किशोरावस्था में कहानी और गीतिकाव्य लिखना शुरू किया, बाद में उनका साहित्य-क्षितिज फैला और वे जीवनी, संस्मरण, इतिहास, उपन्यास, नाटक तथा धार्मिक विषयों पर लिखने लगे।
शास्त्रीजी साहित्यकार ही नहीं बल्कि एक कुशल चिकित्सक आचाय चतुरसन भी थे। वैद्य होने पर भी उनकी साहित्य-सर्जन में गहरी रुचि थी। उन्होंने राजनीति, धर्मशास्त्र, समाजशास्त्र, इतिहास और युगबोध जैसे विभिन्न विषयों पर लिखा। ‘वैशाली की नगरवधू’, ‘वयं रक्षाम’ और ‘सोमनाथ’, ‘गोली’, ‘सोना औरखून’ (तीन खंड), ‘रत्तफ की प्यास’, ‘हृदय की प्यास’, ‘अमर अभिलाषा’, ‘नरमेघ’, ‘अपराजिता’, ‘धर्मपुत्र’ सबसे ज्यादा चर्चित कृतियाँ हैं।


सोमनाथ मंदिर क्यों प्रसिद्ध है?

सोमनाथ अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है क्योंकि यहाँ भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक, सोमनाथ मंदिर स्थित है। इस मंदिर का इतिहास बहुत समृद्ध है, इसे कई बार नष्ट किया गया और फिर से बनाया गया, जो लचीलेपन और आध्यात्मिक महत्व का प्रतीक है।

सोमनाथ मंदिर का इतिहास उपन्यास में कैसे चित्रित किया गया है?

उपन्यास में सोमनाथ मंदिर के संघर्षों, पुनर्निर्माण और उसकी सांस्कृतिक महत्ता को दिखाया गया है।

महमूद ने सोमनाथ मंदिर पर हमला क्यों किया?

सोमनाथ में धन का संकेन्द्रण प्रसिद्ध था, और परिणामस्वरूप यह महमूद के लिए एक आकर्षक लक्ष्य बन गया, क्योंकि इसने पहले अधिकांश आक्रमणकारियों को रोक दिया था। मंदिर और गढ़ को लूट लिया गया, और इसके अधिकांश रक्षकों की हत्या कर दी गई।

सोमनाथ का दूसरा नाम क्या है?

सोमनाथ मंदिर की कहानी इतिहास के विभिन्न युगों में बनती रही है. इसके निर्माण का विवादित इतिहास है. मान्यता है कि मंदिर का निर्माण महाभारत काल में चंद्रभागा राज्य के राजा सोम देव द्वारा हुआ था. यहां सोम राजा ने शिवलिंग की पूजा की थी और इसे “सोमेश्वर” नाम से जाना जाता था.


सोमनाथ मंदिर से कितना सोना लूटा गया?

1026 में, भीम प्रथम के शासनकाल के दौरान, तुर्क मुस्लिम शासक महमूद गजनवी ने सोमनाथ मंदिर पर हमला किया और लूटपाट की, इसके ज्योतिर्लिंग को तोड़ दिया। वह 20 मिलियन दीनार लूट कर ले गया।

Additional information

Weight 0.510 g
Dimensions 21.59 × 13.97 × 2.17 cm
Author

Acharya Chatursen

Pages

368

Format

Hardcover

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN10-: 9355994346

SKU 9789355994349 Categories , Tags ,

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