किताब के बारे में
सूरज ढलने के बाद (यादगार रिपोर्ताज़) -: प्रस्तुत पुस्तक में प्रथम रिपोर्ताज है ‘सूरज ढलने के बाद’ जो कि यशस्वी साहित्यकार अमृतलाल नागरजी के निधन के कुछ दिन बाद हिमांशु जोशीजी द्वारा उनके लखनऊ स्थित आवास पर लिखा गया। इसमें नागरजी के बेटे कुमुद नागर और पोती दीक्षा के कुछ संस्मरणों को भी शामिल किया गया है। पढ़ते-पढ़ते पाठक को लगने लगता है जैसे वह भी लगभग दो सौ वर्ष पुराने उनके इस घर को अपनी नजरों से देख रहा है। या कहें अवलोकन कर रहा है। हृदय को छूने वाला रिपोर्ताज है यह।
लेखक के बारे में
नाम :- हिमांशु जोशी जन्म :- 4 मई, 1935, उत्तराखंड। कृतित्व :- यशस्वी कथाकार, उपन्यासकार। लगभग साठ वर्षों तक लेखन में सक्रिय रहे। उनके प्रमुख कहानी-संग्रह हैं- ‘अंततः तथा अन्य कहानियाँ’, ‘मनुष्य चिह्न तथा अन्य कहानियाँ’, ‘जलते हुए डेने तथा अन्य कहानियाँ’, ‘तीसरा किनारा तथा अन्य कहानियाँ’, ‘अंतिम सत्य तथा अन्य कहानियाँ’, ‘सागर तट के शहर, ‘सम्पूर्ण कहानियाँ’ आदि। प्रमुख उपन्यास हैं :- ‘अरण्य’, ‘महासागर’, ‘छाया मत छूना मन’, ‘कगार की आग’, ‘समय साक्षी है’, ‘तुम्हारे लिए’, ‘सुराज’। वैचारिक संस्मरणों में ‘उत्तर – पर्व’ एवं ‘आठवां सर्ग’ तथा कविता-संग्रह ‘नील नदी का वृक्ष’ उल्लेखनीय हैं। ‘यात्राएं’, ‘नार्वे : सूरज चमके आधी रात’ यात्रा-वृतांत भी विशेष चर्चा में रहे। उसी तरह काला-पानी की अनकही कहानी ‘यातना शिविर में’ भी। समस्त भारतीय भाषाओं के अलावा अनेक रचनाएं अंग्रेजी, नार्वेजियन, इटालियन, चेक, जापानी, चीनी, बर्मी, नेपाली आदि भाषाओं में भी रूपांतरित होकर सराही गईं। आकाशवाणी, दूरदर्शन, रंगमंच तथा फिल्म के माध्यम से भी कुछ कृतियां सफलतापूर्वक प्रसारित एवं प्रदर्शित हुईं। बाल साहित्य की अनेक पठनीय कृतियां प्रकाशित हुईं। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय अनेक सम्मानों से भी अलंकृत। स्मृति शेष :- 23 नवम्बर, 2018 दिल्ली।
सूरज ढलने के बाद किस प्रकार की रचना है?
यह एक यादगार रिपोर्ताज़ (स्मृतिपरक रिपोर्ट) है, जो प्रसिद्ध साहित्यकार अमृतलाल नागर के निधन के बाद लिखा गया है।
इस पुस्तक का शीर्षक सूरज ढलने के बाद क्या दर्शाता है?
यह नागर जी जैसे साहित्यिक सूर्य के अस्त होने के बाद की भावनात्मक स्थिति और माहौल को दर्शाता है।
सूरज ढलने के बाद पुस्तक की विशेषता क्या है?
यह ऐसा भाव जगाता है कि पाठक खुद को उस दो सौ वर्ष पुराने घर में उपस्थित महसूस करता है।
सूरज ढलने के बाद का लेखक कौन है?
हिमांशु जोशी, एक प्रसिद्ध हिंदी कथाकार और उपन्यासकार।
हिमांशु जोशी की रचनाएँ किन भाषाओं में अनुवादित हुई हैं?
उनकी रचनाएँ अंग्रेजी, नार्वेजियन, इटालियन, चेक, जापानी, चीनी, बर्मी, नेपाली सहित कई भाषाओं में अनूदित हुई हैं।