Tanav Mukt Jiveen Kaise Jiyain (तनाव मुक्त जीवन कैसे जिए)

150.00

तनाव मुक्ति से संबंधित काफी साहित्य आपको बाजार में मिल जाएगा, परन्तु तनाव मुक्ति के उपाय बताने वाली यह पुस्तक ओशो के प्रवचनों पर आधारित है, जिसका मुख्य बिन्दु है ‘ध्यान’। ओशो कहते हैं, आप कितने ही प्रश्न उठाओ, सब प्रश्नों का एक ही उत्तर है ‘ध्यान’। ध्यान विधि द्वारा ही तनाव से मुक्ति प्राप्त की जा सकती है।
लेखक की अन्य पुस्तकें :-
1. सरल ध्यान विधियां।
2. सक्रिय ध्यान के रहस्य।
3. ध्यान ऊर्जा द्वारा स्पर्श चिकित्सा।

About the Author

स्वामी आनन्द सत्यार्थी (प्रोफेसर सतपाल परूथी, पीएच.डी. रेकी ग्रांड मास्टर) जून, 1974 में पूना आश्रम में आयोजित प्रथम ध्यान शिविर (10 दिन) में ओशो द्वारा संन्यास में दीक्षित हुए। फरवरी, 1971 से जनवरी, 1998 तक हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार में कार्यरत रहे। 1977 से पंजाब, हरियाणा, चण्डीगढ़, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली में विभिन्न संस्थाओं द्वारा आयोजित विचार गोष्ठी में ओशो देशना पर मुख्य वक्ता के रूप में आमन्त्रित किए गए। 1984 व 1985 में रजनीशपुरम् (अमेरिका) में ग्रांड मास्टर के प्रशिक्षण के बाद प्रेरित होकर ओशो प्रवचनों पर आधारित ‘ध्यान ऊर्जा द्वारा स्पर्श चिकित्सा’ ग्रुप विकसित किया।

Additional information

Author

Swami Anand Satyarthi

ISBN

9788128835018

Pages

168

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Toons

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https://www.amazon.in/dp/8128835017?ref=myi_title_dp

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https://www.flipkart.com/tanav-mukt-kaise-jiyain/p/itmd68vyybbahjxw?pid=9788128835018

ISBN 10

8128835017

तनाव मुक्ति से संबंधित काफी साहित्य आपको बाजार में मिल जाएगा, परन्तु तनाव मुक्ति के उपाय बताने वाली यह पुस्तक ओशो के प्रवचनों पर आधारित है, जिसका मुख्य बिन्दु है ‘ध्यान’। ओशो कहते हैं, आप कितने ही प्रश्न उठाओ, सब प्रश्नों का एक ही उत्तर है ‘ध्यान’। ध्यान विधि द्वारा ही तनाव से मुक्ति प्राप्त की जा सकती है।
लेखक की अन्य पुस्तकें :-
1. सरल ध्यान विधियां।
2. सक्रिय ध्यान के रहस्य।
3. ध्यान ऊर्जा द्वारा स्पर्श चिकित्सा।

About the Author

स्वामी आनन्द सत्यार्थी (प्रोफेसर सतपाल परूथी, पीएच.डी. रेकी ग्रांड मास्टर) जून, 1974 में पूना आश्रम में आयोजित प्रथम ध्यान शिविर (10 दिन) में ओशो द्वारा संन्यास में दीक्षित हुए। फरवरी, 1971 से जनवरी, 1998 तक हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार में कार्यरत रहे। 1977 से पंजाब, हरियाणा, चण्डीगढ़, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली में विभिन्न संस्थाओं द्वारा आयोजित विचार गोष्ठी में ओशो देशना पर मुख्य वक्ता के रूप में आमन्त्रित किए गए। 1984 व 1985 में रजनीशपुरम् (अमेरिका) में ग्रांड मास्टर के प्रशिक्षण के बाद प्रेरित होकर ओशो प्रवचनों पर आधारित ‘ध्यान ऊर्जा द्वारा स्पर्श चिकित्सा’ ग्रुप विकसित किया।

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