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Tao Upnishad 1 (ताओ उपनिषद भाग-1)

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ताओ उपनिषद भाग-1 ताओ दर्शन के गूढ़ रहस्यों को सरल और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करती है। यह पुस्तक आध्यात्मिक शांति, ध्यान, और आत्मज्ञान की दिशा में एक गहन मार्गदर्शन प्रदान करती है। ताओ की शिक्षाओं के माध्यम से पाठक जीवन में आंतरिक संतुलन और मानसिक शांति प्राप्त कर सकते हैं। इसमें पूर्वी दर्शन की गहरी समझ का समावेश है, जो आत्मिक उन्नति और ध्यान के महत्व को उजागर करती है। यह किताब उन सभी के लिए मार्गदर्शक है जो जीवन में गहराई और संतुलन की खोज में हैं।

ISBN: 8128820672

ताओ उपनिषद 1-0
Tao Upnishad 1 (ताओ उपनिषद भाग-1)
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Tao Upnishad 1 (ताओ उपनिषद भाग-1)

Product Description

पृथ्वी पर जितने जानने वाले लोग हुए हैं, उन सबमें लाओत्से बहुत अद्वितीय है। ओशो
चीन की रहस्यमयी ताओ परंपरा के उद्गता लाओत्से के वचनों पर ओशो के इन प्रस्तुत प्रवचनों के मुख्य विषय बिंदुः
जीवन के रहस्यों का स्रोत क्या है?
निष्क्रिय कर्म का क्या अर्थ है?
महत्वाकांक्षा का जहर व जीवन की व्यवस्था।
अहंकार- विसर्जन और रहस्य में प्रवेश जगत का स्त्रैण स्वभाव|

About The Author

ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है। ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।

“ताओ उपनिषद भाग-1” का मुख्य उद्देश्य क्या है?

“ताओ उपनिषद भाग-1” का उद्देश्य ताओ और उपनिषद के सिद्धांतों को समझाते हुए व्यक्ति के आंतरिक जागरण और आत्मज्ञान की ओर मार्गदर्शन करना है।

“ताओ उपनिषद भाग-1” में ताओ और उपनिषद का क्या संबंध है?

“ताओ उपनिषद भाग-1” में ताओ और उपनिषद के गूढ़ और गहरे आध्यात्मिक विचारों को एक साथ लाकर जीवन के गहन सत्य का मार्ग प्रशस्त किया गया है।

क्या “ताओ उपनिषद भाग-1” सभी पाठकों के लिए उपयुक्त है?

हां, “ताओ उपनिषद भाग-1” उन सभी के लिए उपयुक्त है जो ताओ और उपनिषद के ज्ञान को समझने और जीवन में आध्यात्मिकता को समाहित करने के इच्छुक हैं।

“ताओ उपनिषद भाग-1” में कौन से प्रमुख विषयों पर चर्चा की गई है?

“ताओ उपनिषद भाग-1” में आत्मज्ञान, ध्यान, संतुलन, और प्रकृति के साथ सामंजस्य जैसे प्रमुख विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई है।

क्या “ताओ उपनिषद भाग-1” में प्राचीन ताओ विचारधारा को आधुनिक जीवन से जोड़ने का प्रयास किया गया है?

हां, “ताओ उपनिषद भाग-1” में ताओ विचारधारा को आधुनिक जीवन के संदर्भ में समझाने का प्रयास किया गया है, ताकि यह आज के जीवन में भी प्रासंगिक हो सके।

“ताओ उपनिषद भाग-1” में ध्यान और आत्मचिंतन का महत्व कैसे बताया गया है?

“ताओ उपनिषद भाग-1” में ध्यान और आत्मचिंतन को आत्मज्ञान प्राप्ति और मानसिक शांति के लिए अत्यंत आवश्यक बताया गया है।

“ताओ उपनिषद भाग-1” में कौन से प्राचीन ताओ सूत्रों का उपयोग किया गया है?

“ताओ उपनिषद भाग-1” में ताओ ते चिंग और उपनिषदों के सूत्रों का उपयोग करके जीवन के मौलिक सिद्धांतों को स्पष्ट किया गया है।

Additional information

Weight 910 g
Dimensions 23.5 × 19.05 × 2.67 cm
Author

Osho

ISBN

9788128820670

Pages

430

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

8128820672