तेन त्यक्तेन एक लघु उपन्यास है जिसमे लेखिका सुजाता ने दलित शिक्षा को केंद्र में रखा है जिसमे आम जनमानस की बेबसी को दर्शाया है लेखिका ने भाषा सहज रखने के साथ ही कथ्य को भी बहुत संवेदनशीलता से पिरोया है पाठक को बांध लेने की समर्थता नज़र आती है इस उपन्यास में आपको लेखिका की आत्मीयता दिखती है यह सभी पाठको को पढ़ना चाहिए।
नाम : डॉ. सुजाता चौधरी
लेखन : सुजाता के नाम से
शिक्षा : एम.ए. (द्वय) राजनीतिशास्त्र एवं इतिहास,एल.एल.बी., पीएच.डी., पत्रकारिता में डिप्लोमा।
प्रकाशन : अनेक पत्र-पत्रिकाओं में लेख और कहानियाँ प्रकाशित। आकाशवाणी भागलपुर से अनेक कहानियाँ प्रसारित ।
प्रकाशित रचनाएँ : उपन्यास – 1. दिल का क्या रंग करुँ, 2. कश्मीर: दर्द का सैलाब, 3. क्या कहूँ जो अब तक नहीं कही, 4. सौ साल पहले- चम्पारण का गांधी, 5. मैं पृथा, 6. नीलांचल चन्द्र, 7. नोआखाली, 8. तेन त्यक्तेन।
कहानी संग्रह : 1. वे नहीं हारे, 2. प्रधानमन्त्री की चिट्ठी 3. आखिरी फैसला, 4. अगले जनम मोहे बिटिया ही दीजियो, 5. बात नहीं कहने की।
गांधी साहित्य : 1. महात्मा का अध्यात्म, 2. बापू और स्त्री, 3. गांधी की नैतिकता, 4. राष्ट्रपिता और नेताजी, 5. राष्ट्रपिता और भगतसिंह, 6. बापू कृत बालपोथी, 7. चम्पारण का सत्याग्रह, 8. सत्य के दस्तावेज, (उपन्यास- सौ साल पहले : चंपारण का गांधी, नोआखाली) ।
अन्य रचनाएँ : 1. संक्षिप्त श्रीमद्भागवतम् 2. श्री चौतन्यदेव ।
प्रकाशन : 1. कहाँ है मेरा घर? (कविता संग्रह) 2. क्रांतिकारी
क्रम में : संन्यासी (उपन्यास) 3. सरदार पटेल (जीवनी)
कार्यक्षेत्र : श्री रास बिहारी मिशन ट्रस्ट की मुख्य न्यासी एवं नेशनल मूवमेंट फ्रंट की संयोजिका ।
सम्मान : महात्मा गांधी- केंद्रीय विश्वविद्यालय चम्पारण से व्रजकिशोर प्रसाद सम्मान, सिंधु रथ सम्मान, रायपुर, महादेवी वर्मा सम्मान, बापू और स्त्री फिल्म का निर्माण ।
सम्प्रति : स्वतंत्र लेखन एवं सामाजिक कार्यकर्ता ।
ई-मेल : [email protected]