यह सेट एक कालातीत का क्लासिक संग्रह है, इसमें हिंदी के तीन बेस्टसेलर पुस्तकें हैं जिन्होंने पीढ़ीयों से पाठकों को प्रेरित किया है। यह पुस्तकें ज्ञान एवं समय-परीक्षणित सिद्धांतों से भरपूर हैं। इन प्रभावशाली व्यक्तिगत विकास की पुस्तकों को अवश्य पढे़ं। इस सेट में शामिल हैं : – Socho Aur Amir Bano (सोचो और अमीर बनो) + Apke Avchetan Man Ki Shakti (आपके अवचेतन मन की शक्ति) + Lok Vyavhar (लोक व्यवहार)
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हिल की मां की मृत्यु हो गई जब वे नौ साल के थे, और उसके पिता ने दो साल बाद मार्था से दोबारा शादी की। हिल की सौतेली माँ, एक स्कूल में प्रिंसिपल थी, नेपोलियन उसी स्कूल में पढ़ते थे और 13 साल की उम्र में, हिल ने रिपोर्टर के रूप में लिखना शुरू किया, अपने पिता के समाचार पत्र के लिए।
डॉ. जोसेफ मर्फी अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लेखक, शिक्षक और वक्ता थे। उन्होंने काफ़ी समय तक अध्ययन किया और कई वर्षों तक भारत में रहकर गहन शोध किया । संसार के धर्मों के शोध के बाद उन्हें विश्वास हो गया कि हममें से प्रत्येक के भीतर एक विराट् शक्ति हमारे अवचेतन मन कि शक्ति है, जो हमारे जीवन का कायाकल्प कर सकती है । उन्होंने ३० से ज़्यादा बेहतरीन सेल्फ़हेल्प पुस्तकें लिखी हैं, जिनमें टेलीसाकिक्स, टेकनीक्स इन प्रेयर थेरेपी और साइकिक परसेप्शन शामिल हैं । उनकी मुख्य पुस्तक द पॉवर ऑफ सबकॉनशिस माइंड सार्वकालिक बेस्टसेलिंग पुस्तकों में से एक है ।
डेल कार्नेगी एक अमेरिकी लेखक और व्याख्याता थे. वे सेल्फ हेल्प मूवमेंट के प्रवर्तक माने जाते हैं और सेल्स, कॉर्पोरेट प्रशिक्षण, कुशल वक्तव्य और पारस्परिक कौशल में प्रसिद्ध पाठ्यक्रमों के डेवलपर थे। मिसौरी में एक खेत पर गरीबी में पैदा हुए, वह ‘हाउ टू विन फ्रेंड्स एंड इंफ्लुएंस पीपल’ (1936) के लेखक थे, जो हमेशा से ही बेस्टसेलर रही है और आज भी इसकी लोकप्रियता में कमी नहीं आई है। उन्होंने ‘हाउ टू स्टॉपिंग एंड स्टार्ट लिविंग’ (1948), ‘लिंकन द अननोन’ (1932), और कई अन्य पुस्तकें भी लिखीं। उनकी पुस्तकों में मूल विचारों में से एक यह है कि दूसरों के प्रति हमारे व्यवहार को बदलकर अन्य लोगों के व्यवहार को बदलना संभव है।