इस कहानी संग्रह में बच्चों को संस्कार देने वाली २१ कहानियाँ शामिल हैं। हर कहानी बच्चों में हौसला भरने वाली है। उनके जीवन का दिशा देने वाली है। नैतिकता का संदेश देने वाली इन रोचक कहानियों को लिखा है प्रख्यात साहित्यकार गिरीश पंकज ने। इनकी यह सौंवी पुस्तक है। गिरीश बेहद वरिष्ठ साहित्यकार हैं। अनेक विधाओं में लिखते रहतेहैं।आप जाने-माने व्यंग्य कथाकार हैं। व्यंग्यश्री जैसा देश का सबसे बड़ा सम्मान इन्हें मिल चुका है। आप कहानीकार हैं। उपन्यासकार हैं। ग़ज़लें भी खूब कहते हैं और सशक्त गीत भी लिखते हैं। इनकी अब तक लगभग निन्यानवे पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इनमें बच्चों के लिए लिखी इनकी आठ पुस्तकें भी शामिल हैं। इन्होंने अनेक बाल कविताएँ लिखी औरनाटक भी लिखे हैं। आप पैंतालीस वर्षों से साहित्य और पत्रकारिता में सक्रिय हैं। इस संग्रह में उनके द्वारा लिखी गयी प्रेरक कहानियों को पढ़ कर बच्चे सोचने पर विवश होंगे। उनको एक दिशा मिलेगी। बाल साहित्य का उद्देश्य केवल मनोरंजन नहीं होना चाहिए। खास कर कहानियों में केवल कल्पना न हो, उसमें जीवन को दिशा देने का प्रयास भी हो। गिरीश पंकज की कहानियाँ इसी लक्ष्य को लेकर लिखी गयी हैं। दीवाली से शुरू हो कर ईद पर खत्म होने वाली ये कहानियाँ न केवल बच्चों को, वरन् उनके अभिभावकों को भी पसंद आएँगी।
Titli ki Seekh (21 Prerak Baal Kahaniyan) : तितली की सीख (21 प्रेरक बाल कहानियां)
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इस कहानी संग्रह में बच्चों को संस्कार देने वाली २१ कहानियाँ शामिल हैं। हर कहानी बच्चों में हौसला भरने वाली है। उनके जीवन का दिशा देने वाली है। नैतिकता का संदेश देने वाली इन रोचक कहानियों को लिखा है प्रख्यात साहित्यकार गिरीश पंकज ने। इनकी यह सौंवी पुस्तक है। गिरीश बेहद वरिष्ठ साहित्यकार हैं। अनेक विधाओं में लिखते रहतेहैं।आप जाने-माने व्यंग्य कथाकार हैं। व्यंग्यश्री जैसा देश का सबसे बड़ा सम्मान इन्हें मिल चुका है। आप कहानीकार हैं। उपन्यासकार हैं। ग़ज़लें भी खूब कहते हैं और सशक्त गीत भी लिखते हैं। इनकी अब तक लगभग निन्यानवे पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इनमें बच्चों के लिए लिखी इनकी आठ पुस्तकें भी शामिल हैं। इन्होंने अनेक बाल कविताएँ लिखी औरनाटक भी लिखे हैं। आप पैंतालीस वर्षों से साहित्य और पत्रकारिता में सक्रिय हैं। इस संग्रह में उनके द्वारा लिखी गयी प्रेरक कहानियों को पढ़ कर बच्चे सोचने पर विवश होंगे। उनको एक दिशा मिलेगी। बाल साहित्य का उद्देश्य केवल मनोरंजन नहीं होना चाहिए। खास कर कहानियों में केवल कल्पना न हो, उसमें जीवन को दिशा देने का प्रयास भी हो। गिरीश पंकज की कहानियाँ इसी लक्ष्य को लेकर लिखी गयी हैं। दीवाली से शुरू हो कर ईद पर खत्म होने वाली ये कहानियाँ न केवल बच्चों को, वरन् उनके अभिभावकों को भी पसंद आएँगी।
Additional information
Author | Girish Pankaj |
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ISBN | 9789355995872 |
Pages | 180 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
Amazon | |
Flipkart | |
ISBN 10 | 9355995873 |