₹200.00 Original price was: ₹200.00.₹199.00Current price is: ₹199.00.
हिमांशु जोशी ने पहाड़ी कर्मठ और जूझनेवाले व्यक्ति की तरह अपने मुश्किल दिनों को पूँजी बनाकर रखा तभी तो लिख पाये ‘सु-राज’ और उस पहाडी मासूमियत की अनमोल कहानी ‘अंततः ‘ को रचकर वह चितेरा अमर रहेगा।
मैं किस तरह श्रद्धांजलि दूँ उनको। बार-बार ‘अंततः’ कहानी को जीवंत करने कराने के यत्न जारी रहेंगे। ‘कगार की आग’ मंच पर दिखेगी । लेखक का अवसान कभी नहीं होता। हिमांशु जोशी पीढ़ी-दर-पीढ़ी पढ़े जाएंगे। हर पीढ़ी का युवा ‘छाया मत छूना मन’ से जुड़ना चाहेगा।
– मैत्रेयी पुष्पा सुप्रसिद्ध कथाकार
Author | Himanshu Joshi |
---|---|
ISBN | 9789359642635 |
Pages | 176 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
Amazon | |
Flipkart | |
ISBN 10 | 9359642630 |
हिमांशु जोशी ने पहाड़ी कर्मठ और जूझनेवाले व्यक्ति की तरह अपने मुश्किल दिनों को पूँजी बनाकर रखा तभी तो लिख पाये ‘सु-राज’ और उस पहाडी मासूमियत की अनमोल कहानी ‘अंततः ‘ को रचकर वह चितेरा अमर रहेगा।
मैं किस तरह श्रद्धांजलि दूँ उनको। बार-बार ‘अंततः’ कहानी को जीवंत करने कराने के यत्न जारी रहेंगे। ‘कगार की आग’ मंच पर दिखेगी । लेखक का अवसान कभी नहीं होता। हिमांशु जोशी पीढ़ी-दर-पीढ़ी पढ़े जाएंगे। हर पीढ़ी का युवा ‘छाया मत छूना मन’ से जुड़ना चाहेगा।
– मैत्रेयी पुष्पा सुप्रसिद्ध कथाकार
ISBN10-9359642630
Diamond Books, Books, Business and Management, Economics