लेखक शिव शंकर अवस्थी विगत चालीस वर्षों से दिल्ली विश्वविद्यालय के पी-जी-डी-ए-वी- महाविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्रवक्ता हैं। आपकी हिन्दी और अंग्रेजी भाषाओं में बाईस पुस्तकें हैं। राजनीति शास्त्र से सम्बंधित पुस्तकों के अलावा आपने अनेक पुस्तकों का लेखन कार्य किया।
आपने थॉमस पिकेट्टी की पुस्तक श्ब्ंचपजंस पद 21ेज ब्मदजनतलश् का हिन्दी अनुवाद- ‘पूंजी 21वीं सदी में’ का संपादन किया है।
आपने कालचिंतन के छः खण्डों का संपादन भी किया है। इसके अलावा ‘मेरा पहला शतक’ लघुकथा संग्रह का आपने संपादन किया। इंडियन ऑथर्स नामक पत्रिका के आप अवैतनिक संपादक भी हैं। कहानी और काव्य लेखन में आप सम्मानित और पुरस्कृत हुए हैं। आप भारत सरकार की ‘नेशनल बुक प्रमोशन, काउंसिल’ और ‘कॉपी राइट्स एनफोर्समेंट कॉउन्सलिंग’ के भी सदस्य रहे हैं। आप ऑथर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के महासचिव हैं। आप लेखकों के अधिकारों के प्रति सजग और प्रयत्नशील हैं। भारत की एकमात्र कॉपी राइट्स सोसायटी ‘इंडियन रेपोग्राफिक राइट्स आर्गेनाईजेशन’ के आप उपाध्यक्ष हैं। आपके द्वारा लिखित अनेक धारावाहिक, टेलीफिल्म और वृत्तचित्र दूरदर्शन पर प्रसारित हो चुके हैं। प्रस्तुत काव्य संग्रह पिछले चालीस वर्षों में लिखी चुनिन्दा कविताओं का संकलन है।
Tumhe Kya Maloom PB Hindi
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लेखक शिव शंकर अवस्थी विगत चालीस वर्षों से दिल्ली विश्वविद्यालय के पी-जी-डी-ए-वी- महाविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्रवक्ता हैं। आपकी हिन्दी और अंग्रेजी भाषाओं में बाईस पुस्तकें हैं। राजनीति शास्त्र से सम्बंधित पुस्तकों के अलावा आपने अनेक पुस्तकों का लेखन कार्य किया।
आपने थॉमस पिकेट्टी की पुस्तक श्ब्ंचपजंस पद 21ेज ब्मदजनतलश् का हिन्दी अनुवाद- ‘पूंजी 21वीं सदी में’ का संपादन किया है।
आपने कालचिंतन के छः खण्डों का संपादन भी किया है। इसके अलावा ‘मेरा पहला शतक’ लघुकथा संग्रह का आपने संपादन किया। इंडियन ऑथर्स नामक पत्रिका के आप अवैतनिक संपादक भी हैं। कहानी और काव्य लेखन में आप सम्मानित और पुरस्कृत हुए हैं। आप भारत सरकार की ‘नेशनल बुक प्रमोशन, काउंसिल’ और ‘कॉपी राइट्स एनफोर्समेंट कॉउन्सलिंग’ के भी सदस्य रहे हैं। आप ऑथर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के महासचिव हैं। आप लेखकों के अधिकारों के प्रति सजग और प्रयत्नशील हैं। भारत की एकमात्र कॉपी राइट्स सोसायटी ‘इंडियन रेपोग्राफिक राइट्स आर्गेनाईजेशन’ के आप उपाध्यक्ष हैं। आपके द्वारा लिखित अनेक धारावाहिक, टेलीफिल्म और वृत्तचित्र दूरदर्शन पर प्रसारित हो चुके हैं। प्रस्तुत काव्य संग्रह पिछले चालीस वर्षों में लिखी चुनिन्दा कविताओं का संकलन है।
Additional information
Author | Shiv Shankar Awasthi |
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ISBN | 9789352961887 |
Pages | 64 |
Format | Boardbook |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 9352961889 |