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समकालीन उर्दू गजल को नई शोख़ी और नया अंदाज देने वालों में अहमद फराज की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। यूँ तो अहमद फराज की नज्में भी कम प्रभावशाली नहीं हैं, लेकिन उन्हें प्रतिष्ठा एक गजलगो शायर के रूप में ही प्राप्त है। अहमद फराज के कृतित्व में जैसा चुम्बकत्व है, वैसा ही उनके व्यक्तित्व में भी है। पिछले वर्ष दिल्ली में उनसे मुलाकात हुई। काफी देर बातें हुई। उनसे उनकी जिन्दगी के अनुभवों को सुनना तपते रेगिस्तान में बारिश की छींटें गिरने के एहसास जैसा है। बोले-
मोहब्बत अपना-अपना तज्बा है।
यहाँ फरहाद-ओ-मजनूँ मोश्तबर नहीं
Author | Narender Govind Behl |
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ISBN | 9789355994363 |
Pages | 48 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
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ISBN 10 | 9355994362 |
समकालीन उर्दू गजल को नई शोख़ी और नया अंदाज देने वालों में अहमद फराज की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। यूँ तो अहमद फराज की नज्में भी कम प्रभावशाली नहीं हैं, लेकिन उन्हें प्रतिष्ठा एक गजलगो शायर के रूप में ही प्राप्त है। अहमद फराज के कृतित्व में जैसा चुम्बकत्व है, वैसा ही उनके व्यक्तित्व में भी है। पिछले वर्ष दिल्ली में उनसे मुलाकात हुई। काफी देर बातें हुई। उनसे उनकी जिन्दगी के अनुभवों को सुनना तपते रेगिस्तान में बारिश की छींटें गिरने के एहसास जैसा है। बोले-
मोहब्बत अपना-अपना तज्बा है।
यहाँ फरहाद-ओ-मजनूँ मोश्तबर नहीं