किताब के बारे में
वचन अनमोल-: अनुभव से सीख और सीख से शिक्षा का जन्म हुआ होगा ऐसा माना जा सकता है। अतिप्राचीन काल में सीख का प्रणेता थे समुदाय के बुजुर्गवार। बहुत सारी कहानियां मिलती है हमें जो यह बताती हैं कि पहले बड़े-बुजुर्ग का परिवार, समुदाय, गांव और शहर आदि में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता था। जहां बुजुर्ग होते थे वह समाज सम्मानित समाज माना जाता था। बुजुर्ग शिक्षित हैं या नहीं यह महत्वपूर्ण नहीं था। उनका अनुभव महत्वपूर्ण था और उनके अनुभव से उपजे वचन पीढ़ियों के लिए “अनमोल वचन” बन गए जिसने हर युग में मार्गदर्शन का काम किया।
लेखक के बारे में
डॉ. संदीप कुमार शर्मा का जन्म उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक जनपद बुलंदशहर के प्रतिष्ठित परिवार में हुआ। पिता स्वतंत्रता सेनानी एवं सुप्रसिद्ध अधिवक्ता थे और मां समाजसेविका थीं। आपने उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद प्रिंट मीडिया को अपनी सेवाएं दी। आजकल इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में बतौर स्वतंत्र लेखक, निर्माता और निर्देशक के रूप में कार्यरत हैं। विभिन्न विधाओं के लगभग ७८० एपिसोड प्रसारित हो चुके हैं और आकाशवाणी दिल्ली से लगभग ६० कार्यक्रम प्रसारित हुए हैं। अबतक बीस पुस्तकें एवं तीन उपन्यास भी प्रकाशित हुए हैं। आप आई. आर. आर. ओ की कार्यकारिणी के सदस्य हैं और ऑथर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के आजीवन सदस्य हैं।
वचन अनमोल पुस्तक किसने लिखी है?
इस पुस्तक के लेखक डॉ. संदीप कुमार शर्मा हैं।
वचन अनमोल पुस्तक का मुख्य विषय क्या है?
यह पुस्तक बुजुर्गों के अनुभवों से उपजे जीवन-दर्शन और शिक्षाप्रद वचनों पर आधारित है।
पुस्तक का शीर्षक वचन अनमोल क्यों रखा गया है?
क्योंकि इसमें बुजुर्गों द्वारा दिए गए अनुभव-आधारित वचन को अमूल्य ज्ञान के रूप में प्रस्तुत किया गया है।
इस पुस्तक में अनुभव को क्यों महत्वपूर्ण माना गया है?
क्योंकि लेखक के अनुसार, अनुभव ज्ञान से अधिक प्रभावशाली और मार्गदर्शक होता है।
वचन अनमोल से क्या प्रमुख संदेश प्राप्त होता है?
कि अनुभव से उत्पन्न ज्ञान और सीखें आने वाली पीढ़ियों का मार्गदर्शन कर सकती हैं।