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वरदान (नावेल)

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ISBN : 9788171829071 SKU: 8171829074 Categories: ,

मुंशी प्रेमचंद की वरदान का परिचय:

    • वरदान मुंशी प्रेमचंद द्वारा रचित एक प्रभावशाली हिंदी उपन्यास है जो प्रेम, त्याग, और सामाजिक संघर्षों की गहराई को दर्शाता है।
    • यह रचना समाज में व्याप्त रूढ़िवादी मान्यताओं और व्यक्तिगत इच्छाओं के टकराव को दर्शाती है, जो इसे हिंदी साहित्य का अमूल्य हिस्सा बनाती है।

कहानी और मुख्य विषयवस्तु:

    • कहानी का संक्षिप्त परिचय दें जिसमें पात्र समाज के दबावों और निजी जीवन के संघर्षों से जूझते हैं। नायक द्वारा लिए गए निर्णय, उसके प्यार और कर्तव्यों के बीच के संघर्ष को कहानी का केंद्र बिंदु बनाते हैं।
    • प्रमुख विषयों में प्रेम, त्याग, सामाजिक मान्यताओं का टूटना, और इंसान की भावनाओं और कर्तव्यों के बीच का टकराव शामिल हैं।

मुंशी प्रेमचंद की विरासत:

    • मुंशी प्रेमचंद को भारतीय साहित्य में समाज सुधारक लेखनी के लिए जाना जाता है। वरदान उनके इसी दृष्टिकोण को दर्शाता है, जहाँ समाज की कठोर परंपराओं और प्रगति के बीच संघर्ष को बारीकी से दर्शाया गया है।
    • प्रेमचंद का लेखन आज भी इसलिए प्रासंगिक है क्योंकि यह समाज की वास्तविकता और मानवीय संवेदनाओं को सजीव रूप में प्रस्तुत करता है।

सामाजिक प्रासंगिकता:

    • वरदान समाज में व्याप्त रूढ़िवादी विचारों, विशेष रूप से पारिवारिक और सामाजिक जिम्मेदारियों को लेकर, गहरे प्रश्न उठाता है।
    • यह उपन्यास समाज की रूढ़िवादिता को चुनौती देते हुए व्यक्तियों के संघर्ष और उनकी आंतरिक शक्ति को भी उजागर करता है।

आज के समय में वरदान क्यों पढ़ें:

    • वरदान आज के समय में भी प्रासंगिक है क्योंकि यह मानव जीवन की सच्चाइयों, प्रेम, त्याग और सामाजिक दबावों का चित्रण करता है। मुंशी प्रेमचंद की लेखनी की गहराई और उनकी सामाजिक सोच आज के पाठकों को भी प्रभावित करती है।
    • यह उपन्यास पाठकों को आत्मनिरीक्षण करने और समाज के पारंपरिक ढांचों पर विचार करने के लिए प्रेरित करता है।

निष्कर्ष:

    • वरदान हिंदी साहित्य में मुंशी प्रेमचंद की एक कालजयी रचना है जो न केवल समाज के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती है, बल्कि मानवीय मूल्यों को भी बखूबी चित्रित करती है।
    • पाठकों को इस उपन्यास को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें ताकि वे प्रेमचंद की साहित्यिक गहराइयों का आनंद ले सकें और समाज की प्रचलित समस्याओं पर विचार कर सकें।
Weight 0.8 g
Dimensions 21.59 × 13.97 × 0.5 cm
Author

Prem Chand

ISBN

8171829074

Pages

172

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

8171829074

FAQs

वरदान उपन्यास किस बारे में है?
वरदान मुंशी प्रेमचंद द्वारा रचित एक कालजयी उपन्यास है जो प्रेम, त्याग, और समाज के दबावों के बीच पात्रों की मानसिक और भावनात्मक स्थिति को दर्शाता है। इस उपन्यास का मुख्य पात्र प्रेम और सामाजिक कर्तव्यों के बीच संघर्ष करता है, जो कहानी का मूल विषय है।
वरदान के प्रमुख विषय क्या हैं?
उपन्यास के प्रमुख विषयों में प्रेम, व्यक्तिगत त्याग, समाज की कठोर मान्यताएँ, और पारंपरिक विचारों से टकराव शामिल हैं। प्रेमचंद के पात्र अपने समाज के ढांचों में रहते हुए अपने व्यक्तिगत इच्छाओं और सामाजिक जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करते हैं।
वरदान में सामाजिक मुद्दों को कैसे दर्शाया गया है?
वरदान में मुंशी प्रेमचंद ने समाज में व्याप्त रूढ़िवादिता और दबावों को गहराई से उकेरा है। उन्होंने यह दिखाया है कि कैसे समाज के कठोर नियम और परंपराएँ व्यक्तिगत जीवन और इच्छाओं पर हावी हो जाती हैं, और कैसे कुछ पात्र इन नियमों को चुनौती देने का साहस दिखाते हैं।
मुंशी प्रेमचंद के लेखन की प्रासंगिकता आज के समय में क्यों है?
मुंशी प्रेमचंद का लेखन आज भी प्रासंगिक है क्योंकि वे सामाजिक मुद्दों, मानव भावनाओं, और समाज के असली चेहरे को बखूबी दर्शाते हैं। उनकी रचनाएँ, जैसे वरदान, आज के समाज के लिए भी उतनी ही महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे प्रेम, त्याग और सामाजिक दबावों जैसे सार्वभौमिक मुद्दों पर बात करती हैं।
वरदान हिंदी साहित्य की कालजयी रचना क्यों मानी जाती है?
वरदान अपने गहरे सामाजिक संदेश, मानवीय संवेदनाओं की सजीव प्रस्तुति, और मुंशी प्रेमचंद की सहज लेखनी के कारण हिंदी साहित्य की कालजयी रचना मानी जाती है। प्रेमचंद ने इस उपन्यास के माध्यम से समाज के सामने कुछ ऐसे सवाल उठाए जो आज भी प्रासंगिक हैं।

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