Sale!

Vayam Rakshamah in hindi- (वयं रक्षाम:) in Hardcover

Original price was: ₹450.00.Current price is: ₹449.00.

Out of stock

Free shipping On all orders above Rs 600/-

  • We are available 10/5
  • Need help? contact us, Call us on: +91-9716244500

ISBn10-: 9355994397

किताब के बारे में

सर्वाधिक प्रसिद्ध उपन्यास वयं रक्षाम: का मुख्य पात्र रावण है, न कि राम। इसमें रावण के चरित्र के अन्य पक्ष को रेखांकित करते हुए उसको राम से श्रेष्ठ बताया गया है। हिंदुस्तान की आर्य संस्कृति पर इस पुस्तक में कुछ इस तरह आचार्य चतुरसेन प्रकाश डालते हैं- ‘उन दिनों तक भारत के उत्तराखण्ड में ही आर्यों के सूर्य-मण्डल और चन्द्र मण्डल नामक दो राजसमूह थे। दोनों मण्डलों को मिलाकर आर्यावर्त कहा जाता था। उन दिनों आर्यों में यह नियम प्रचलित था कि सामाजिक श्रंखला भंग करने वालों को समाज-बहिष्कृत कर दिया जाता था। दण्डनीय जनों को जाति-बहिष्कार के अतिरिक्त प्रायश्चित जेल और जुर्माने के दण्ड दिये जाते थे। प्रायः ये ही बहिष्कृत जन दक्षिणारण्य में निष्कासित, कर दिये जाते थे। धीरे-धीरे इन बहिष्कृत जनों की दक्षिण और वहां के द्वीपपुंजों में दस्यु, महिष, कपि, नाग, पौण्ड, द्रविण, काम्बोज, पारद, खस, पल्लव, चीन, किरात, मल्ल, दरद, शक आदि जातियां संगठित हो गयी थीं।’ पुस्तक के अनुसार, रावण ने दक्षिण को उत्तर से जोड़ने के लिए नयी संस्कृति का प्रचार किया। उसने उसे रक्ष-संस्कृति का नाम दिया।

लेखक के बारे में

आचार्य चतुरसेन जी साहित्य की किसी एक विशिष्ट विधा तक सीमित नहीं हैं। उन्होंने किशोरावस्था में कहानी और गीतिकाव्य लिखना शुरू किया, बाद में उनका साहित्य-क्षितिज फैला और वे जीवनी, संस्मरण, इतिहास, उपन्यास, नाटक तथा धार्मिक विषयों पर लिखने लगे।
शास्त्रीजी साहित्यकार ही नहीं बल्कि एक कुशल चिकित्सक आचाय चतुरसन भी थे। वैद्य होने पर भी उनकी साहित्य-सर्जन में गहरी रुचि थी। उन्होंने राजनीति, धर्मशास्त्र, समाजशास्त्र, इतिहास और युगबोध जैसे विभिन्न विषयों पर लिखा। ‘वैशाली की नगरवधू’, ‘वयं रक्षाम’ और ‘सोमनाथ’, ‘गोली’, ‘सोना औरखून’ (तीन खंड), ‘रत्तफ की प्यास’, ‘हृदय की प्यास’, ‘अमर अभिलाषा’, ‘नरमेघ’, ‘अपराजिता’, ‘धर्मपुत्र’ सबसे ज्यादा चर्चित कृतियाँ हैं।

वयं रक्षाम: प्रसिद्ध उपन्यास किसकी रचना है ?

वयं रक्षाम: उपन्यास महान उपन्यासकार आचार्य चतुरसेन शास्त्री की रचना है।

आचार्य चतुरसेन जी की मुख्य रचित उपन्यास कौन-कौन से है?

उनकी बहुप्रशंसित एवं क्लासिक स्तर की रचनाओं में वैशाली की नगरवधू’, ‘वयं रक्षामः’, ‘सोना और खून’, ‘गोली’, ‘सोमनाथ’, ‘आरोग्य शास्त्र’ आदि प्रमुख हैं।

वयं रक्षाम: उपन्यास मुख्य पात्र कौन है?

सिद्ध उपन्यास वयं रक्षाम: का मुख्य पात्र रावण है

वयं रक्षाम: उपन्यास में किसको श्रेष्ठ बताया गया है?

इसमें रावण के चरित्र के अन्य पक्ष को रेखांकित करते हुए उसको राम से श्रेष्ठ बताया गया है।

पुस्तक के अनुसार आर्यों के दो राजसमूह कौन-कौन से थे ?

उन दिनों तक भारत के उत्तराखण्ड में ही आर्यों के सूर्य-मण्डल और चन्द्र मण्डल नामक दो राजसमूह थे।

Additional information

Weight 0.550 g
Dimensions 21.59 × 13.97 × 2.34 cm
Author

Acharya Chatursen

Pages

400

Format

Hardcover

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books