Sale!
Vichar Kranti (विचार क्रान्ति) + Main Mrityu Sikhata Hoon (मैं मृत्यु सिखाता हूं) (Set of 2 Books)-0
Vichar Kranti (विचार क्रान्ति) + Main Mrityu Sikhata Hoon (मैं मृत्यु सिखाता हूं) (Set of 2 Books)-0
Vichar Kranti (विचार क्रान्ति) + Main Mrityu Sikhata Hoon (मैं मृत्यु सिखाता हूं) (Set of 2 Books)-0

Vichar Kranti (विचार क्रान्ति) + Main Mrityu Sikhata Hoon (मैं मृत्यु सिखाता हूं) (Set of 2 Books)

Original price was: ₹600.00.Current price is: ₹599.00.

पुस्तक के बारे में

मशहूर दर्शनशास्त्री और आध्यात्मिक गुरु ओशो ने अपने प्रवचन में जीवन की हर मुश्किलों से निपटने का रास्ता बताया है। वो अक्सर कहा करते थे कि मनुष्य के जीवन में प्रेम से कीमती कोई वस्तु नहीं है। ओशो यह भी कहते थे कि जो मनुष्य पैसे कमाने के लिए यत्न नहीं करता, उसका जीवन निरर्थक है क्योंकि धन जीवन को चलाने का एक महत्वपूर्ण जरिया है। ओशो कहते थे कि जो कौम बिना कुछ किए बिना पैसे कमाना चाहती है, वो कौम खतरनाक है। ओशो कहा करते थे कि जो आदमी एक रुपए लगाकर बिना कुछ किए एक लाख पाने की चाहत रखता है वो एक अपराधी के समान है। ओशो का कहना था कि धन की चाह जरूर रखनी चाहिए लेकिन उसके लिए व्यक्ति का सृजनात्मक होना बेहद जरूरी है। ओशो के अनुसार, एक सभ्य समाज के लिए धन की बहुत ज़्यादा आश्यकता है। इससे सभ्यता को आगे बढ़ने का मौका मिलता है अन्यथा हम भी जंगलों में भटकते रहते।
ओशो कहते हैं कि धन मनुष्य के जीवन में सब कुछ नहीं है लेकिन इसके माध्यम से हम जीवन में सब कुछ खरीद सकते हैं। धन कमाने के लिए सबसे अच्छा जरिया है कि हम एक लक्ष्य तय कर लें और सही तरीके से धन को कमाना अपना ध्येय बना लें। ओशो कहते हैं कि जो व्यक्ति धन को फिजूल बताता है और उसकी निन्दा करता है, उसके अंदर धन कमाने की आकांक्षा समाप्त हो जाती है और वो सफलता पाने से चुक जाता है।

लेखक के बारे में

ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।
हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है।
ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।

विचार क्रान्ति पुस्तक का मुख्य विषय क्या है?

विचार क्रान्ति पुस्तक जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए विचारों की शक्ति पर केंद्रित है। यह बताती है कि हमारे विचार ही हमारी वास्तविकता का निर्माण करते हैं, और कैसे सही विचार क्रांति हमें भीतर और बाहर दोनों ही रूपों में बदल सकते हैं।

मैं मृत्यु सिखाता हूं पुस्तक किसने लिखी है और इसका विषय क्या है?

मैं मृत्यु सिखाता हूं ओशो द्वारा लिखी गई है, और यह मृत्यु के गहरे अर्थ और उससे संबंधित भय को समझने के लिए एक आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान करती है। ओशो के अनुसार, मृत्यु जीवन का अंत नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत है, और इसे समझने के बाद ही व्यक्ति वास्तविक रूप से जीवन को जी सकता है।

ओशो मृत्यु को किस प्रकार समझाते हैं?

ओशो मृत्यु को एक यात्रा के रूप में देखते हैं, जो जीवन का स्वाभाविक हिस्सा है। उनका मानना है कि मृत्यु को समझकर, उससे भयमुक्त होकर, व्यक्ति जीवन को पूरी तरह से जी सकता है। मृत्यु का सामना करना हमें जीवन के प्रति जागरूक और सचेत बनाता है।

विचार क्रान्ति पुस्तक क्यों पढ़नी चाहिए?

विचार क्रान्ति उन लोगों के लिए जरूरी है, जो अपनी सोच और दृष्टिकोण में बदलाव लाकर जीवन को बेहतर बनाना चाहते हैं। यह पुस्तक बताती है कि विचारों की सही दिशा में क्रांति ही जीवन में स्थायी और सार्थक परिवर्तन ला सकती है।

क्या विचार क्रान्ति और मैं मृत्यु सिखाता हूं दोनों पुस्तकों का उद्देश्य आत्मज्ञान प्राप्त करना है?

हाँ, विचार क्रान्ति और मैं मृत्यु सिखाता हूं दोनों का उद्देश्य आत्मज्ञान की दिशा में मार्गदर्शन करना है। विचार क्रान्ति से हम अपने जीवन और सोच में बदलाव लाकर प्रगति कर सकते हैं, जबकि मैं मृत्यु सिखाता हूं मृत्यु के सत्य को समझकर हमें जीवन की गहराई में प्रवेश करने के लिए प्रेरित करती है।

विचार क्रान्ति और मैं मृत्यु सिखाता हूं पुस्तकों में क्या विशेषता है?

इन दोनों पुस्तकों की विशेषता यह है कि वे जीवन और मृत्यु के गहन रहस्यों को सरल और स्पष्ट तरीके से प्रस्तुत करती हैं। ओशो के विचारशील और क्रांतिकारी दृष्टिकोण से, ये पुस्तकें आत्मज्ञान और आंतरिक शांति के लिए एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शक हैं।

Additional information

Weight 0.470 g
Dimensions 21.59 × 13.97 × 3.3 cm
Author

OSHO

ISBN-13

9789355990365

ISBN-10

9355990367

Pages

528

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

Amazon

https://amzn.in/d/dNkaIpu

Flipkart

https://www.flipkart.com/vichar-kranti-main-mrityu-sikhata-hoon-hindi-set-2-books/p/itmf2a8504b02ee7?pid=9789355990365

“विचार क्रान्ति” और “मैं मृत्यु सिखाता हूं” दोनों पुस्तकें जीवन के सबसे जटिल विषयों—विचार और मृत्यु—को सरल और गहन तरीके से प्रस्तुत करती हैं। “विचार क्रान्ति” में ओशो विचारों में परिवर्तन और उनके जीवन पर प्रभाव की चर्चा करते हैं, जबकि “मैं मृत्यु सिखाता हूं” में मृत्यु को जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा माना गया है। यह सेट पाठकों को जीवन और मृत्यु के प्रति एक नया दृष्टिकोण अपनाने और आत्मज्ञान की दिशा में प्रेरित करने का अद्भुत माध्यम है।
ISBN10-9355990367

SKU 9789355990365 Categories , , , Tags ,