Product Description
विशेषता के रूप में, कामसूत्र की पूर्ण चित्रित गाइड को देखें और उसे लांस डेने के अद्वितीय और दुर्लभ कला संग्रह से प्रस्तुत किया गया है। इस अद्वितीय संस्कृत ग्रंथ को 2,000 वर्ष पहले लिखा गया था, जो सेक्स के सभी पहलुओं पर विचार करता है, जिसमें सेक्स के आनंद के सिद्धांत और तकनीक शामिल हैं, साथ ही जीवन की सुंदरता के भावनात्मक अभिव्यक्ति को सबसे अधिक प्राप्त करने के लिए कैसे सर्वोत्तम रूप से प्राप्त किया जा सकता है। लांस डेने ने इस पूरी और चित्रित गाइड को 250 चित्रों और महान कलाओं के साथ सम्मिलित किया है, जिसमें सिक्के, ताड़ पत्ती के हस्तलिखित ग्रंथ, मूर्तियाँ, प्राचीन खिलौने, आभूषण, वास्तुकला, हाथीदांत कंघी, भूर्ज की छाल, कपड़े, चित्र, फ़्रेस्को, और स्क्रॉल्स शामिल हैं। ये सभी दुर्लभ छवियाँ कामसूत्र में वर्णित सभी 64 यौन स्थितियों और कामुक निर्देशों को स्पष्ट रूप से चित्रित करती हैं। इस अनुभव से, कामसूत्र की शिक्षाएं जीवित हो जाती हैं और आपको एक आकर्षक और संवेदनशील पढ़ाई का अनुभव प्राप्त होता है।
“वृहद वात्स्यायन कामसूत्र” किसके द्वारा लिखी गई है?
“वृहद वात्स्यायन कामसूत्र” प्राचीन भारतीय ग्रंथकार वात्स्यायन द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है।
“वृहद वात्स्यायन कामसूत्र” में कौन-कौन से प्रमुख विषय शामिल हैं?
“वृहद वात्स्यायन कामसूत्र” में प्रेम, कामशास्त्र, विवाह और समाज में रिश्तों की भूमिका जैसे महत्वपूर्ण विषयों का विवरण दिया गया है।
क्या “वृहद वात्स्यायन कामसूत्र” केवल शारीरिक संबंधों के बारे में है?
नहीं, “वृहद वात्स्यायन कामसूत्र” शारीरिक संबंधों के साथ-साथ जीवनशैली, नैतिकता, और प्रेम के सिद्धांतों पर भी गहन विचार प्रस्तुत करता है।
क्या “वृहद वात्स्यायन कामसूत्र” भारतीय संस्कृति और परंपराओं से जुड़ा है
हां, “वृहद वात्स्यायन कामसूत्र” भारतीय संस्कृति, समाज, और परंपराओं के संदर्भ में रिश्तों और प्रेम की गहरी समझ प्रदान करता है।
क्या “वृहद वात्स्यायन कामसूत्र” में दांपत्य जीवन के विषय में भी चर्चा की गई है?
हां, “वृहद वात्स्यायन कामसूत्र” में दांपत्य जीवन, विवाह, और पति-पत्नी के बीच संबंधों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है।
क्या “वृहद वात्स्यायन कामसूत्र” सभी के लिए पढ़ना उपयुक्त है?
“वृहद वात्स्यायन कामसूत्र” एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जो पढ़ने योग्य है, लेकिन इसे समझदारी और संवेदनशीलता के साथ पढ़ा जाना चाहिए।