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Waqt Ki Parchhaiyan (वक़्त की परछाइयां) Poetry Book in Hindi-0
Waqt Ki Parchhaiyan (वक़्त की परछाइयां) Poetry Book in Hindi-0
Waqt Ki Parchhaiyan (वक़्त की परछाइयां) Poetry Book in Hindi-0

Waqt Ki Parchhaiyan (वक़्त की परछाइयां) Poetry Book in Hindi-In Hindi

Original price was: ₹200.00.Current price is: ₹199.00.

किताब के बारे में

वक़्त की परछाइयां -: शीर्षक स्वयं में ही दार्शनिक संकेत लिए हुए है । परछाइयाँ समय की, न कि केवल धूप की या किसी आकृति की यह शीर्षक दर्शाता है कि कवि ने उन अनुभवों को शब्द दिए हैं जो या तो बीते हुए हैं, या वर्तमान में हमारे इर्द-गिर्द हैं, या फिर भविष्य में फिर से घट सकते हैं । इन परछाइयों में अतीत की गूंज, वर्तमान की धड़कन और भविष्य की चिंताओं की आहट सुनी जा सकती है । आप अपनी प्रत्येक पंक्ति में जीवन के सादे किन्तु गंभीर पद चिन्ह छोड़ते हैं, आपकी पंक्तियाँ सिर्फ रचना नहीं अपितु एक जीवन वृत्ति हैं जो समय और समाज के मध्य खड़ी होकर अपनी आभा प्रसारित करती हैं ।

मनीष स्वयं गंगा किनारे के वासी हैं जिसका असर उनकी साहित्यिक साधना में झलकता है । आपकी भाषा मिट्टी से उगी और अक्षर उर्वर फसल हैं जिसका परिणाम यह है कि कविताएँ सीधे दिल में उतरती हैं क्योंकि वे कृत्रिम शिल्प और बनावटी सौंदर्य से मुक्त हैं । भाषा की सहजता और उसका आत्मीय भाव सीधे पाठक के हृदय से संवाद करता है, जिससे कविताएँ मात्र शब्दों का संकलन नहीं बल्कि भावनाओं की लिपि से बद्ध यथार्थ का प्रतिबिंब बन जाती हैं ।

संघर्ष और किसान जैसे विषयों पर कवि की कलम अतीत में डूबकर न सिर्फ वर्तमान को आलोकित करती है बल्कि वो उस जनचेतना का वाहक भी बन जाती है, जिस पर वैचारिक काई सी जम गयी है । जब वे उस किसान की बात करते हैं जो अपनी फसल से ज्यादा अपने सपनों को सूखते देखता है, तब पाठक केवल पाठक नहीं रह जाता, वह स्वयं उस खेत में खड़ा एक गवाह बन जाता है । कोरोना त्रासदी, अधूरी कहानियाँ, युद्ध की

वक़्त की परछाइयां शीर्षक का क्या दार्शनिक अर्थ है?

यह शीर्षक बताता है कि कविताएँ समय की गूंज, वर्तमान की धड़कन और भविष्य की आहट को प्रतिबिंबित करती हैं।

इस काव्य संग्रह में समय की परछाइयाँ किस प्रकार प्रस्तुत की गई हैं?

कवि ने अतीत, वर्तमान और भविष्य के अनुभवों को शब्दों में ढालकर प्रस्तुत किया है।

वक़्त की परछाइयां इस काव्य संग्रह के कवि कौन है

इस काव्य संग्रह के कवि मनीष जी है

इस काव्य संग्रह में कौन-कौन से सामाजिक विषय उठाए गए हैं?

संघर्ष, किसान का जीवन, कोरोना त्रासदी, युद्ध और अधूरी कहानियाँ जैसे विषय।

किसान से जुड़ी कविताओं में क्या संदेश है?

कवि उस किसान की व्यथा को व्यक्त करते हैं, जो अपनी फसल से अधिक अपने सपनों को सूखते देखता है।

Additional information

Weight0.80 g
Dimensions21.59 × 13.97 × 0.5 cm
Author

Manish

Language

Hindi

Pages

88

Format

Paperback

Publisher

Diamond Books

Additional information

Weight0.80 g
Dimensions21.59 × 13.97 × 0.5 cm
Author

Manish

Language

Hindi

Pages

88

Format

Paperback

Publisher

Diamond Books

Original price was: ₹200.00.Current price is: ₹199.00.

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ISBN 10 -: 9371226684

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