किताब के बारे में
योगी कथामृत: एक योगी की आत्मकथा (Autobiography of a Yogi) परमहंस योगानंद द्वारा लिखी गई एक कालजयी पुस्तक है, जो योग और ध्यान की गहराई को समझाने के साथ-साथ आत्मा और ब्रह्मांड के गहन रहस्यों को उजागर करती है। यह पुस्तक न केवल एक साधक की जीवन यात्रा है, बल्कि यह योग के मार्ग पर चलने वालों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है। परमहंस योगानंद की यह आत्मकथा, पाठकों और योग के जिज्ञासुओं को संतों, योगियों, विज्ञान और चमत्कार, मृत्यु एवं पुनर्जन्म, मोक्ष व बंधन, की एक ऐसी अविस्मरणीय यात्रा पर ले जाती है, जिससे पाठक अभिभूत हो जाता है। सहज-सरल शब्दों में भावाभिव्यक्ति, पठनीय शैली, गठन कौशल, भाव- पटुता, रचना प्रवाह, शब्द सौन्दर्य इस आत्मकथा को एक नया आयाम देते हैं और पुस्तक को पठनीय बनाते हैं। एक सिद्ध पुरुष की जीवनगाथा को प्रस्तुत करती यह पुस्तक जीवन दर्शन के तमाम पक्षों से न सिर्फ हमें रूबरू कराती है, बल्कि योग के अद्भुत चमत्कारों से भी परिचित करवाती है।
योगी कथामृत: एक योगी की आत्मकथा यह पुस्तक किस बारे में है?
परमहंस योगानंद की यह आत्मकथा, पाठकों और योग के जिज्ञासुओं को संतों, योगियों, विज्ञान और चमत्कार, मृत्यु एवं पुनर्जन्म, मोक्ष व बंधन, की एक ऐसी अविस्मरणीय यात्रा पर ले जाती है, जिससे पाठक अभिभूत हो जाता है।
योगी कथामृत: एक योगी की आत्मकथा की प्रमुख विशेषता क्या है?
आत्मकथा आत्मकथाकार के जीवन का वह दस्तावेज़ है, जिसमें उसके भोगे हुए जीवन के क्षण की अभिव्यक्ति, घटनाएँ इत्यादि क्रमबद्ध एवं व्यवस्थित रूप में साकार होती हैं। घटनाओं की क्रमबद्धता एवं उसका व्यवस्थित रूप आत्मकथा की प्रमुख विशेषताएँ हैं।
इस पुस्तक का मुख्य संदेश क्या है?
योगी कथामृत: एक योगी की आत्मकथा इस पुस्तक का मुख्य संदेश आत्मा की यात्रा और ईश्वर के साथ संबंध को समझाना।
परमहंस योगानंद द्वारा लिखी गई इस पुस्तक का लक्ष्य क्या है?
योग का लक्ष्य भौतिक संसार को छोड़ना नहीं है, बल्कि इतना गहरा ध्यान करना सीखना है कि आपका पूरा जीवन ही ध्यान बन जाए । इसका मतलब है कि आप बाहरी दुनिया में वह सब कुछ कर सकते हैं जो आपको लगता है कि ईश्वर आपसे करवाना चाहता है, लेकिन कभी भी आत्मा से अपना आंतरिक संबंध न खोएं।
क्या यह पुस्तक आध्यात्मिक साधकों के लिए उपयोगी है?
योगी कथामृत: एक योगी की आत्मकथा पुस्तक आध्यात्मिक साधकों के लिए एक अद्भुत मार्गदर्शक है।