Call us on: +91-9716244500

Free shipping On all orders above Rs 600/-

We are available 10am-5 pm, Need help? contact us

Zazba-E-Dil Hindi

195.00

In stock

Other Buying Options

ग़्ज़्ल लिखी जाती है, सुनायी जाती है, गायी जाती है पर इसके अलावा महसूस की जाती है। बगैर महसूस किये, इसकी कोई कीमत नहीं। नसीम गोरखपुरी के नाम से लिखने वाले शायर में किशोरावस्था में ही यह समझ पैदा हो गयी थी और उन्होंने लिखना शुरू कर दिया। समय के साथ उनकी कलम की रोशनी में वो चमक आती गयी कि सुनने वाला ठहर जाता और देर तक उसकी तपिश महसूस करता। जि़्ादगी की दूसरी इंनिंग में नुमाया उनके कलाम उन्हें और भी संजीदा बनाते हैं। ISBN10-9352616146

ग़्ज़्ल लिखी जाती है, सुनायी जाती है, गायी जाती है पर इसके अलावा महसूस की जाती है। बगैर महसूस किये, इसकी कोई कीमत नहीं। नसीम गोरखपुरी के नाम से लिखने वाले शायर में किशोरावस्था में ही यह समझ पैदा हो गयी थी और उन्होंने लिखना शुरू कर दिया। समय के साथ उनकी कलम की रोशनी में वो चमक आती गयी कि सुनने वाला ठहर जाता और देर तक उसकी तपिश महसूस करता। जि़्ादगी की दूसरी इंनिंग में नुमाया उनके कलाम उन्हें और भी संजीदा बनाते हैं।

Additional information

Author

Naseem Gorakhpuri

ISBN

9789352616145

Pages

160

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Power Learning

ISBN 10

9352616146

SKU 9789352616145 Categories ,

Social Media Posts

This is a gallery to showcase images from your recent social posts