Product Description
**”बुद्धत्व कभी भी समय या स्थान में नहीं घटता। कब और कहाँ तो समय और स्थान हैं। यह तो तब घटता है, जब तुम कहीं भी नहीं होते, कुछ भी नहीं होते। वह तो समय के पार शाश्वतता में घटता है। पश्चिम के सभी बुद्धिजीवी जेन में अत्यधिक दिलचस्पी लेने लगे हैं, लेकिन उनकी रुचि बुद्धित्वा ही है। उन्होंने जेन पर महान पुस्तकें लिखी हैं और अपने इस घोषणापत्र में मैं लगभग प्रत्येक उस व्यक्ति का जिक्र करूंगा, जिन्होंने पश्चिम में जेन पर पुस्तकें लिखी हैं। ये सभी बुद्धिमान लोग सुन्दर पुस्तकें तो लिख सकते हैं, लेकिन ये जेन में डूबे हुए व्यक्ति नहीं हैं, उनके पास जेन सद्गुरुओं जैसा कुछ भी नहीं है।
यह घोषणापत्र इसलिए बेहद जरूरी है, जिससे पूरे विश्व को यह स्पष्ट हो जाए कि जेन, बुद्धि का कोई कार्य व्यापार न होकर अमन की शून्यता है। वह है स्वंयखिलखिलाता में जेन को सम्पूर्ण रूप से, स्वंय से मुक्त होता कहता है। तुम दूसरी मुक्तियों के बारे में सुना होगा, लेकिन स्वंय से मुक्त होना ही असली मुक्ति है। कुछ से मुक्त होने पर, अस्तित्व को अपनी सहजता और अपने सारे सौंदर्य के साथ अविभवस्त होने की अनुभूति देना, लेकिन यह न तुम हो और न मैं हूं, यह है — स्वंय अस्तित्व। यह स्वंय सत्य करता हुआ पूरा जीवन ही अस्तित्व है। यही है जेन की घोषणा और उद्देश्य, स्वंय अपने से ही मुक्ति।**
About The Author
ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है। ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।
“ज़ेन की घोषणा स्वयं … मुक्ति” का क्या अर्थ है?
यह ज़ेन दर्शन से जुड़ा एक महत्वपूर्ण वाक्य है, जो यह सिखाता है कि मुक्ति या आत्मज्ञान बाहरी चीज़ों पर निर्भर नहीं करती, बल्कि व्यक्ति के स्वयं के आंतरिक अनुभव और आत्म-चेतना पर आधारित होती है।
ज़ेन दर्शन में “स्वयं मुक्ति” का क्या महत्व है?
ज़ेन दर्शन में “स्वयं मुक्ति” का अर्थ है कि व्यक्ति अपनी आंतरिक शक्तियों और ज्ञान के माध्यम से मोक्ष प्राप्त कर सकता है, और इसे पाने के लिए किसी बाहरी गुरु या सिद्धांत पर निर्भर नहीं रहना पड़ता।
ज़ेन की “स्वयं मुक्ति” और पारंपरिक धार्मिक मुक्ति में क्या अंतर है?
पारंपरिक धार्मिक मुक्ति में बाहरी साधनों, अनुष्ठानों या ईश्वर पर विश्वास होता है, जबकि ज़ेन की “स्वयं मुक्ति” व्यक्ति के आत्म-प्रयास और जागरूकता पर आधारित होती है।
क्या “स्वयं मुक्ति” का अर्थ यह है कि हमें किसी मार्गदर्शक की आवश्यकता नहीं होती?
“स्वयं मुक्ति” का अर्थ यह नहीं है कि मार्गदर्शक या शिक्षक की आवश्यकता नहीं होती, बल्कि यह है कि अंततः व्यक्ति को अपने भीतर से ही ज्ञान और मुक्ति प्राप्त करनी होती है।
ज़ेन की “स्वयं मुक्ति” को प्राप्त करने के लिए क्या अभ्यास किए जाते हैं?
ज़ेन की “स्वयं मुक्ति” को प्राप्त करने के लिए ध्यान (जेन मेडिटेशन), मानसिक शांति और जीवन में सरलता अपनाने जैसे अभ्यास महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
“ज़ेन की घोषणा स्वयं … मुक्ति” का संदेश क्या है?
इसका संदेश यह है कि जीवन में मुक्ति या आनंद पाने के लिए हमें अपनी चेतना और आंतरिक समझ को विकसित करना चाहिए। बाहरी चीज़ों पर निर्भरता से मुक्ति पाना ज़ेन का एक प्रमुख उद्देश्य है।
क्या ज़ेन दर्शन में “स्वयं मुक्ति” का अनुभव किसी विशेष आयु या स्थिति में हो सकता है?
ज़ेन दर्शन के अनुसार, “स्वयं मुक्ति” किसी भी आयु, समय या परिस्थिति में हो सकती है, क्योंकि यह व्यक्ति के आंतरिक अनुभव और आत्म-जागरूकता पर निर्भर करती है।
क्या “स्वयं मुक्ति” का अर्थ यह है कि हमें किसी मार्गदर्शक की आवश्यकता नहीं होती?
“स्वयं मुक्ति” का अर्थ यह नहीं है कि मार्गदर्शक या शिक्षक की आवश्यकता नहीं होती, बल्कि यह है कि अंततः व्यक्ति को अपने भीतर से ही ज्ञान और मुक्ति प्राप्त करनी होती है।
ज़ेन की “स्वयं मुक्ति” को प्राप्त करने के लिए क्या अभ्यास किए जाते हैं?
ज़ेन की “स्वयं मुक्ति” को प्राप्त करने के लिए ध्यान (जेन मेडिटेशन), मानसिक शांति और जीवन में सरलता अपनाने जैसे अभ्यास महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
“ज़ेन की घोषणा स्वयं … मुक्ति” का संदेश क्या है?
इसका संदेश यह है कि जीवन में मुक्ति या आनंद पाने के लिए हमें अपनी चेतना और आंतरिक समझ को विकसित करना चाहिए। बाहरी चीज़ों पर निर्भरता से मुक्ति पाना ज़ेन का एक प्रमुख उद्देश्य है।