हमारे भोजन में 99 प्रतिशत वसा और ट्राईग्लिसराईड होते हैं। बीस सालों से चले आ रहे विभिन्न शोधों से यह पता चलता है कि ट्राईग्लिसराईड हृदय रोगों में उतना ही सहायक है जितना कि कोलेस्ट्रॉल। पिछले 50 वर्षा से यह माना जाता था कि हृदय रोगों से मुक्ति पानी है तो भोजन में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होनी चाहिए। इसलिए सभी तेल कम्पनियां अपना तेल ‘जीरो कोलेस्ट्रॉल तेल’ से बेचती हैं जबकि वे पूरी तरह वसा और ट्राईग्लिसराईड युक्त हैं। तेलों में अत्यधिक कैलोरी होती है इसलिए वे मोटापा मधुमेह, उच्च रक्तचाप के कारण हैं।
आधुनिक युग में अधिकतर मनुष्यों की व्यस्त जीवन शैली है जिसके कारण वे अत्यधिक तनावपूर्ण जीवन व्यतीत करते हैं। इसलिए उनकी जीवन शैली बीमारियों की वजह बनती है इसलिए हमें अपने भोजन में तेल की मात्रा कम कर देनी चाहिए। इसका सबसे आसान और सरल तरीका है जीरो ऑयल । इसीलिए लिखी गयी है यह जीरो ऑयल कुक बुक। जीरो ऑयल से बने हुए व्यंजन स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक हैं। आपको क्या चाहिए ‘तेल या स्वाद’ ?
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डॉ. बिमल छाजेड़, एमबीबीएस, एमडी चिकित्सीय दुनिया के जाने-माने व्यक्ति हैं। वह हृदय रोग और उससे बचाव के विशेषज्ञ हैं। उनकी सलाह को अपनाने से हृदयाघात, बाईपास सर्जरी अथवा एंजियोप्लास्टी को टाला जा सकता है। वह अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं और साओल हार्ट सेंटर का संचालन करते हुए हजारों लोगों की सेवाएं कर चुके हैं। साओल यानी ‘साइंस एंड आर्ट ऑफ लिविंग’ नामक इस सेंटर की भारत और विदेशों में कई शाखाएं हैं। वह एक जाने-माने लेखक हैं जिन्होंने 70 से अधिक पुस्तकों की रचनाएं और उनका दूसरी भाषाओं में अनुवाद भी किया है।