प्रमोद भारती ओशो के शिष्य हैं। वे अध्यात्म, दर्शन और साहित्य में पारंगत हैं। प्रस्तुत पुस्तक एक सौ चार गीतों व ग़्ाज़्ालों का संकलन है। ग़्ाज़्ाल की विधा हिंदी—जगत के लिए नई है व पहली बार ग़्ाज़्ाल के मुहावरे को बचाते हुए हिंदी—भाषा में ग़्ाज़्ालों को लिखा गया है। बोलचाल की भाषा का प्रयोग करते हुए हिंदी व उर्दू दोनों के क्लिष्ट स्वरूप से बचा गया है। पुुस्तक की भाषा खड़ी बोली है और उर्दू के प्रयुक्त शब्दों की संख्या शताधिक नहीं है। पुस्तक में व्यावहारिक—ज्ञान एवं परम—सत्य दोनों का अनुशीलन है और इसमें वर्णित जीवन—दृष्टि को ट्टआस्तिक प्रगतिवाद’ कहा जा सकता है। यह पुस्तक जीवन के सभी महत्त्वपूर्ण पहलुओं की गवेषणा करती हुए प्रतीत होती है।
Zindaginama (Hindi)
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प्रमोद भारती ओशो के शिष्य हैं। वे अध्यात्म, दर्शन और साहित्य में पारंगत हैं। प्रस्तुत पुस्तक एक सौ चार गीतों व ग़्ाज़्ालों का संकलन है। ग़्ाज़्ाल की विधा हिंदी—जगत के लिए नई है व पहली बार ग़्ाज़्ाल के मुहावरे को बचाते हुए हिंदी—भाषा में ग़्ाज़्ालों को लिखा गया है। बोलचाल की भाषा का प्रयोग करते हुए हिंदी व उर्दू दोनों के क्लिष्ट स्वरूप से बचा गया है। पुुस्तक की भाषा खड़ी बोली है और उर्दू के प्रयुक्त शब्दों की संख्या शताधिक नहीं है। पुस्तक में व्यावहारिक—ज्ञान एवं परम—सत्य दोनों का अनुशीलन है और इसमें वर्णित जीवन—दृष्टि को ट्टआस्तिक प्रगतिवाद’ कहा जा सकता है। यह पुस्तक जीवन के सभी महत्त्वपूर्ण पहलुओं की गवेषणा करती हुए प्रतीत होती है।
Additional information
Author | Pramod Bharti |
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ISBN | 9789351655961 |
Pages | 128 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Book |
ISBN 10 | 9351655962 |