Chandrakanta Santati Part V


चंद्रकांता संतति पार्ट 5
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‘चंद्रकांता संतति’ द्वेष, घृणा एवं ईर्ष्या पर प्रेम के विजय की महागाथा है जिसने उन्नीसवीं शताब्दी के अंतिम दशकों में धूम मचा दी थी। देवकी नंदन खत्री के उपन्यास को पढ़ने के लिए लाखों लोगों ने हिन्दी सीखी थी। करोड़ों लोगों ने इन्हें चाव के साथ पढ़ा था और आज तक पढ़ते आ रहे हैं। हिन्दी की घटना प्रधान तिलिस्म और ऐयारी उपन्यास-परंपरा के ये एकमात्र प्रवर्तक और प्रतिनिधि उपन्यास हैं। कल्पना की ऐसी अद्भुत उड़ान और कथा-रस की मार्मिकता इन्हें हिन्दी साहित्य की विशिष्ट रचनाएं सिद्ध करती है।
छह खंडों में व्यवस्थित यह महागाथा चंद्रकांता संतति बेचैन करते रहस्यों और रोचकता के दम पर अपने पाठकों को निरंतर बांधे रखती है। वृतांत की इतनी जीवंतता लिए शायद ही कोई दूसरा उपन्यास हिन्दी में आया हो।
उठिए और एक के बाद एक पढ़ना शुरू कीजिए सारे खंड आपको हम ही दिलवाएंगे।
ISBN10-812840041X
Additional information
Author | Devki Nandan Khatri |
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ISBN | 812840041X |
Pages | 240 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 812840041X |