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आज के आधुनिक युग में सफलता के मायने बदल गए हैं। आज सफल उसी व्यक्ति को माना जाता है जो कम से कम समय में अधिक से अधिक दौलत अर्जित कर सके। किंतु यह वास्तव में सफलता का सूत्र नहीं हो सकता। जीवन सफल बनाने के लिए हमें जीवन के सभी पहलुओं पर ध्यान देना होता है। जिसमें सम्मिलित है- जीवन को जीने की विधि, पात्र बनकर ग्राह्य करने की क्षमता, आशावादी दृष्टिकोण, विचारवान जीवन, योजनाबद्ध लक्ष्य का निर्धारण, व्यवहार कुशलता, झूठी प्रदर्शन-भरी जिंदगी से बचना प्रतिदिन नया ज्ञान प्राप्त करना, अपनी प्रगति के लिए प्रयत्नशील रहना, निराश व्यक्तियों की संगति से दूर रहना, अहंकार छोड़कर स्वाभिमान को अपनाना इत्यादि ही जीवन की सफलता के महत्वपूर्ण सूत्र है।
आर्चाय सुदर्शनजी महाराज
Author | Sudarshan Ji |
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ISBN | 8128819283 |
Pages | 144 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8128819283 |
आज के आधुनिक युग में सफलता के मायने बदल गए हैं। आज सफल उसी व्यक्ति को माना जाता है जो कम से कम समय में अधिक से अधिक दौलत अर्जित कर सके। किंतु यह वास्तव में सफलता का सूत्र नहीं हो सकता। जीवन सफल बनाने के लिए हमें जीवन के सभी पहलुओं पर ध्यान देना होता है। जिसमें सम्मिलित है- जीवन को जीने की विधि, पात्र बनकर ग्राह्य करने की क्षमता, आशावादी दृष्टिकोण, विचारवान जीवन, योजनाबद्ध लक्ष्य का निर्धारण, व्यवहार कुशलता, झूठी प्रदर्शन-भरी जिंदगी से बचना प्रतिदिन नया ज्ञान प्राप्त करना, अपनी प्रगति के लिए प्रयत्नशील रहना, निराश व्यक्तियों की संगति से दूर रहना, अहंकार छोड़कर स्वाभिमान को अपनाना इत्यादि ही जीवन की सफलता के महत्वपूर्ण सूत्र है।
आर्चाय सुदर्शनजी महाराज
ISBN10-8128819283
Religions & Philosophy, Books, Diamond Books
Business and Management, Religions & Philosophy