रोनाल्ड रीगन प्रशासन ने जब अपनी रूढ़िवादी, निरंकुश व कट्टरतावादी ईसाई नीतियों के प्रवाह में ओशो रजनीशको अक्टूबर1985 में अकारण गिरफ्तार करवाया तब किसे पता था कि पच्चीस सदियों पूर्व सुकरात को दिए गये जहर की घटना पुन दोहरायी जा रही थी। प्रस्तुत है ओशो रजनीश को जहर दिये जाने की इस घटना का एक शोधपूर्ण व रोमांचक विवरण लेखिका सू एपलटन की कलम से।
ISBN10-8128802631