दूसरा वनवास (कैफी आजमी की गजले और नगमें)

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कैफी साहब की शायरी में आप बार-बार देखेंगे- वो अपने दुखों की मुंडेरो में घिर के नहीं रह जाते बल्कि अपने दुख को दुनिया के तमाम लोगों से जोड़ लेते हैं। फिर उनकी बात सिर्फ एक इन्सान के दिल की बात नहीं, दुनिया के सारे इन्सानों के दिलों की बात हो जाती है और आप महसूस करते हैं कि उनकी शायरी में सिर्फ उनका नहीं, हमारा आपका सबका दिल धड़क रहा है।

ISBN10-8128809822

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