भारत एक सनातन यात्रा

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जैसा ओशो ने भारत को समझा है ऐसा किसी ने भी नहीं समझा है। यह समझ बहुत तलों पर है। दार्शनिक, ऐतिहासिक, शुद्ध भावनात्‍मक-और यहां तक कि राजनैतिक और साहित्‍यक, स्‍वतंत्र और आध्‍यात्मिक। ओशो की समझ सर्वग्राही है। एक ऐसी समझ्‍ जो शब्‍दों के पार जाती है- सच्‍चे प्रेम के अज्ञात लोक में। क्‍योंकि ओशो की सभी धारणाओं का आत्मिक केंद्र था प्रेम। यही उनका परम संदेश था जो उन्‍होंने हमारे लिए छोड़ा। जीवन की प्रेम के माध्‍यम से खोज, अनुभूति और रसास्‍वादन। यह पुस्‍तक हमें उस प्रेम के दिशासूचक प्रदान करती है।

ISBN10-8171823459

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