मेरे जीवन के अनुभव

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मैंने शून्य से शुरुआत की, मगर शून्य से शिखर तक पहुँचने का सफर अभी जारी है। पता नहीं यह कब तक चलेगा, लेकिन मेरा काम है चलते रहना। जीवन चलने का नाम…। मैं इस मुगालते में बिलकुल नहीं हूँ कि मैंने सफलता के झंडे ही गाड़ दिए हैं, लेकिन इस बात को दावे के साथ कह सकता हूँ कि सफलता को पाने में मैंने कोई कसर नहीं छोड़ी और उस दिशा में मेरी यात्रा अविराम जारी है। व्यक्ति अगर अपने जीवन से संतुष्टï हो गया तो उसकी गति-प्रगति सब रुक जाती है। जीवन चलने का नाम है।
मेरा अपना मानना है, और आप सब भी जानते हैं कि अगर हम ठान लें, तो सफलता बच कर कहाँ जाएगी, वह तो हमारी मुठ्ठी में है। बशर्ते हम आगे बढ़ें, निराश न हों। सफलता तो खड़ी ही इसीलिए है कि कोई आए और उसका वरण कर ले। सफलता का जन्म ही इसीलिए हुआ है कि वह सुयोग्य व्यक्ति के साथ रहे। मेरा अपना रचनात्मक-पथ है, जिस पर मैं चल रहा हूँ। अभी तो बहुत आगे जाना है लेकिन इस बीच के पड़ाव में अगर मेरे कुछ अनुभव दूसरे के जीवन के कुछ काम आ सकें, तो इससे बढ़ कर सौभाग्य और क्या हो सकता है। बस, लिखने बैठ गया। अंतत: एक पुस्तक तैयार हो गई। उम्मीद है कि यह पुुस्तक दूर-दूर तक जाएगी और नई पीढ़ी के कुछ काम आ सकेगी।

ISBN10-9351656500

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