प्रेमचंद (1880-1936) भारत के युगांतरकारी हिंदी साहित्यकार हैं। उनके उपन्यासों तथा कहानियों ने काटि-कोटि हिंदी पाठकों के हृदय को तो छुआ ही है, साथ-ही-साथ अन्य भाषाभाषियों को भी प्रभावित किया है। मानव-स्वभाव के गहरे तथा संवेदनशील प्रसंग इनकी रवनाओं के प्राण हैं। इनके पात्रों की हार्दिकता, मानवीयता, आत्मीयता, प्रेम तथा सहजता पाठकों को मंत्रामुग्ध् कर लेने में सक्षम है।
प्रेमचंद को पढ़ना, भारत की आत्मा से साक्षात्कार करने जैसा अनुभव दे जाता है।