हंसाए जा प्‍यारे

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पिछले चार दशकों से भी ज्‍यादा समय से देश-विदेश के हजारों कवि सम्‍मेलनों में लगातार सुने व सराहे जा रहे हास्‍य-व्‍यंग्‍य के बेजोड़ कवि श्री जैमिनी हरियाणवी का जन्‍म हरियाणा में झज्‍जर जिले के बादली गांव में दिनांक 5 सितंबर, सन् 1931 को हुआ।
बचपन से ही स्‍कूल-कॉलेज में विभिन्‍न सांस्‍कृतिक गतिविधियों को जीवंत करने वाले जैमिनी ने एम.ए., बी.टी. की उपाधियां अर्जित कीं। वे दिल्‍ली के अनेक विद्यालयों में पढ़ाते हुए प्रधानाचार्य के पद से सेवा-निवृत्‍त हुए इस दौरान हरियाणवी बोली को हास्‍य-व्‍यंग्‍य की बेहद लोकप्रिय रचनाओं से तो समृद्ध किया ही, देश-विदेश में उसकी प्रतिष्‍ठा भी स्‍थापित की। कवि सम्‍मेलन आकाशवाणी, दूरदर्शन और पत्र-पत्रिकाओं व पुस्‍तकों के माध्‍यम से करोड़ों पाठकों और श्रोताओं के मन में अविस्‍मरणीय जगह बनाई।
ISBN10-8128810200

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