प्रस्तुत पुस्तक में लेखन ने हृदय रोग के विभिन्न पहलुओं और पक्षों पर प्रकाश डालने का यत्न किया है। भारतीय चिकित्सा पद्धति के प्रति विशेष होते हुए भी लेखन आयुर्वेद के अतिरिक्त यूनानी, एलोपैथी और होम्योपैथी के प्रसंग में भी विचार प्रस्तुत किये हैं, तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत किया है और उसी प्रकार सब प्रणालियों का निदान और चिकित्सा का भी यथा-सम्भव उल्लेख किया है। जिससे कि सर्वसाधारण इससे पूर्णतया लाभान्वित हो सके।
यदि पाठक इस पुस्तक को ध्यान से पढ़ेंगे तो वे कम-से-कम स्वयं को हृदय रोगी बनने से बचाने की क्षमता, एवं योग्यता अवश्य प्राप्त कर लेंगे। यही इस पुस्तक का लक्ष्य एवं उद्देश्य भी होता है। ISBN10-8171823645