President Droupadi Murmu Rairangpur to Raisina Hills in Hindi (राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू राइरंगपुर से रायसीना हिल्स तक)
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प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू पीएम मोदी ने बधाई दी और कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में पूर्वी भारत के सुदूर हिस्से से ताल्लुक रखने वाली एक आदिवासी समुदाय में जन्मी नेता को राष्ट्रपति निर्वाचित कर भारत ने इतिहास रच दिया है।
गृह मंत्री अमित शाह
गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट में लिखते हुए कहा कि फ्द्रौपदी मुर्मू जी ने जनजातीय समाज में शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने व जनप्रतिनिधि के रूप में लम्बे समय तक जनसेवा करते हुए सार्वजनिक जीवन में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है- इस पद की प्रत्याशी बनने पर उनको शुभकामनाएं देता हूँ और मुझे विश्वास है कि वह निश्चित रूप से राष्ट्रपति बनेगी।
यशवंत सिन्हा
राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की जीत पर उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा कि हर भारतीय उम्मीद करता है कि 15वें राष्ट्रपति के रूप में वह बिना किसी डर या पक्षपात के संविधान के संरक्षक के रूप में कार्य करेंगी।
पुस्तक के बारे में
द्रौपदी मुर्मू भारत की नवनिर्वाचित 15वीं राष्ट्रपति हैं। उन्हें किसी और परिचय की आवश्यकता नहीं है। लेकिन अगर आप ओडिशा के एक अनजान आदिवासी गांव से देदीप्यमान रायसीना हिल्स तक की उनकी अद्भुत यात्रा के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं, तो यह पुस्तक आपके पढ़ने लायक है। द्रौपदी के साधारण किन्तु असाधारण जीवन- उनकी आदिवासी पृष्ठभूमि, उनके संघर्षों और विजयों, व्यक्तिगत त्रासदियों और विपत्तियों के बारे में प्रोफेसर गोपाल शर्मा की लेखनी से निकली यह उत्कृष्ट जीवनी आपको अपने साथ बांध ले जाएगी।
पुस्तक को तैयार करने के लिए लेखक ने राष्ट्रपति मुर्मू के पैतृक गांव की यात्रा की और ग्राम वासियों से मिलकर इस कहानी का ताना-बाना बुना। पुस्तक न केवल आपको उनके जीवन से परिचित कराती है बल्कि आपको यह समझने और विचार करने का अवसर भी देती है कि कैसे एक राजनीतिक व्यवस्था में जहां वंशवादी राजनीति और अकूत धन -संपत्ति लंबे समय से हावी रही है, मितव्ययी साधनों और संसाधनों वाले व्यक्ति को भी अपनी ईमानदार कोशिशों की बदौलत असाधारण सफलता और चरम उपलब्धि प्राप्त हो सकती है। अपने आप में अग्रगण्य द्रौपदी मुर्मू एक ऐसा प्रतीक हैं जिन्हें आप और अधिक समावेशी दुनिया की आशा में आइकन(अनुकरणीय आदर्श प्रतीक) के रूप में देख सकते हैं।
प्रेरक व्यक्तित्व की प्रेरणास्पद गाथा -पठनीय ही नहीं संग्रहणीय भी!
लेखक के बारे में
हिंदी और अंग्रेजी दोनों में डॉक्टरेट और चार विषयों में एम.ए. के साथ ही एम.फिल. (दो स्वर्ण पदक), एम.एड., पी.जी.डी.टी.ई. (सी.आई.एफ.एल.) आदि शैक्षणिक उपाधिधारक। देश के पाँच नगरों और विश्वविद्यालयों (हरिद्वार, बेंगलुरु, हैदराबाद, जयपुर, भोपाल) और अफ्रीका (गैरयूनिस, बेनगाजी, वोलेगा-निक्मत, अरबा मींच) के 4 विश्वविद्यालयों में अंग्रेजी भाषा शिक्षण (ई.एल.टी.) और अंग्रेजी साहित्य के विशेषज्ञ प्रोफेसर के रूप में लगभग चार दशकों तक कार्य। अनेक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंसों में सक्रिय भागेदारी। 56 अंग्रेजी शोध-पत्रों का प्रकाशन। हिंदी और अंग्रेजी में समान गति से पुस्तकाकार लेखन भी। 2022 तक 50 पुस्तकों का लेखन। अकादमिक पुस्तकों के अतिरिक्त नेल्सन मंडेला, नादिया मुराद, जाक देरिदा, मुंशी प्रेमचंद, गौरी दत्त, नरेंद्र मोदी, राम नाथ कोविंद, रमेश पोखरियाल निशंक और कमला हैरिस आदि पर एकाधिक अंग्रेजी- हिंदी पुस्तकें देश-विदेश के प्रतिष्ठित प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित। दक्षिण की साहित्यिक पत्रकारिता और रचनाकारों में जान-पहचान और यथायोग्य प्रतिष्ठा ।
द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति बनने का सफर उनके लिए और समाज के लिए कैसे प्रेरणादायक है?
एक आदिवासी महिला के रूप में राष्ट्रपति पद तक पहुंचने का सफर समाज में महिलाओं और आदिवासी समुदाय के लिए उम्मीद और सशक्तिकरण का प्रतीक है।
राइरंगपुर से रायसीना हिल्स तक की यात्रा द्रौपदी मुर्मू जी के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि क्यों मानी जाती है?
उनका राष्ट्रपति पद तक पहुंचना भारतीय राजनीति में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, क्योंकि यह आदिवासी समुदाय और महिलाओं के लिए एक बड़ा प्रतिनिधित्व और पहचान की दिशा में कदम है।
द्रौपदी मुर्मू जी की व्यक्तिगत और राजनीतिक यात्रा अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है?
उनका जीवन दिखाता है कि किस तरह विपरीत परिस्थितियों में भी दृढ़ निश्चय और मेहनत से उच्च पद प्राप्त किया जा सकता है, जो महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
द्रौपदी मुर्मू जी का राष्ट्रपति पद पर आसीन होना भारतीय समाज के लिए क्या संदेश देता है?
यह संदेश देता है कि भारतीय समाज में समानता और अवसर सबके लिए हैं, और कोई भी व्यक्ति अपनी मेहनत से ऊंचाईयों तक पहुंच सकता है, चाहे उसका सामाजिक या आर्थिक स्तर कैसा भी हो।
राष्ट्रपति बनने के बाद द्रौपदी मुर्मू ने कौन-कौन से सामाजिक कल्याण के कार्यों पर जोर दिया है?
राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने आदिवासी विकास, महिला सशक्तिकरण, और शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया है। उन्होंने समाज के सबसे कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए कई योजनाओं का समर्थन किया है।
Additional information
Weight | 220 g |
---|---|
Dimensions | 21.59 × 13.97 × 0.7 cm |
Author | Gopal Sharma |
ISBN | 9789355996640 |
Pages | 158 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
Amazon | |
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ISBN 10 | 9355996640 |
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की यात्रा राइरंगपुर से रायसीना हिल्स तक उनके जीवन के संघर्ष, साहस और सफलताओं का प्रतीक है। एक सामान्य परिवार से आने वाली द्रौपदी मुर्मू ने न केवल अपने गांव, बल्कि पूरे देश में अपनी पहचान बनाई। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक की कठिनाइयों का सामना किया और अंततः राजनीति में कदम रखा। उनके कार्यों ने भारत के आदिवासी समुदाय को नई उम्मीद और प्रेरणा दी। राष्ट्रपति बनने के बाद, वे महिलाओं और बच्चों के अधिकारों, शिक्षा और सामाजिक विकास के लिए हमेशा तत्पर रहीं। यह यात्रा हर भारतीय के लिए एक प्रेरणा है कि वे अपने सपनों को साकार कर सकते हैं। द्रौपदी मुर्मू की कहानी एक साहसी नायक की कहानी है, जिसने अपने अदम्य साहस और निष्ठा के बल पर राष्ट्रपति पद तक का सफर तय किया।
ISBN10-9355996640
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