Call us on: +91-9716244500

Free shipping On all orders above Rs 600/-

We are available 10am-5 pm, Need help? contact us

ओशो की दुनिया में आपका स्वागत: आध्यात्म को नई परिभाषा देने वाले रहस्यवादी

A Book Is Forever

 ओशो: एक परिचय

ओशो, जिन्हें भगवान श्री रजनीश के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रसिद्ध भारतीय रहस्यवादी, दार्शनिक और आध्यात्मिक गुरु थे। उनकी शिक्षाएं प्राचीन भारतीय ज्ञान, पश्चिमी विचारधारा और आधुनिक जीवनशैली का अनूठा मिश्रण थीं।

उन्होंने पारंपरिक धार्मिक मान्यताओं को चुनौती दी और “डायनेमिक मेडिटेशन” जैसे ध्यान के नए तरीकों की शुरुआत की। यह ध्यान विधि शारीरिक गतिशीलता और गहरी स्थिरता का मेल है, जो आज भी अनुयायियों के बीच बेहद लोकप्रिय है।

ओशो क्यों बने चर्चित और विवादास्पद?

संगठित धर्म का विरोध:
ओशो ने संगठित धर्म को मानव स्वतंत्रता के लिए बाधा बताया। उनका मानना था कि धर्म व्यक्ति की आत्मा की यात्रा को सीमित करता है। उन्होंने हर व्यक्ति को अपनी सच्चाई खोजने के लिए प्रेरित किया।

“डायनेमिक मेडिटेशन” का परिचय:
ओशो ने ध्यान को एक नई परिभाषा दी। उनकी डायनेमिक मेडिटेशन तकनीक में जोर-जोर से सांस लेना, शरीर को स्वतंत्र रूप से हिलाना, और फिर स्थिरता के माध्यम से गहन ध्यान की अवस्था तक पहुंचना शामिल है।

रजनीशपुरम और विवाद:
1980 के दशक में, ओशो ने अमेरिका के ओरेगॉन में “रजनीशपुरम” नामक एक विशाल कम्यून की स्थापना की। हालांकि, यह कई विवादों का केंद्र रहा और इसे “कल्ट” का दर्जा दिया गया। इस कालखंड पर आधारित नेटफ्लिक्स की डॉक्यूमेंट्री “वाइल्ड वाइल्ड कंट्री” ने इस आंदोलन की जटिलता को उजागर किया।

 प्रेम और कामुकता पर उनके विचार:
ओशो ने प्रेम और कामुकता को आध्यात्मिकता का हिस्सा बताया। उनकी किताब “From Sex to Superconsciousness” ने इस विषय को विस्तार से समझाया। हालांकि, उनके विचार पारंपरिक समाज के लिए असहज थे, लेकिन उन्होंने एक नई सोच को जन्म दिया।


ओशो की बेस्टसेलिंग किताबें: आत्मा की यात्रा के लिए मार्गदर्शक

ओशो की किताबें उनके प्रवचनों का संग्रह हैं, जो गहन आध्यात्मिक ज्ञान और सरल भाषा में व्यक्त विचारों का खजाना हैं। यहां कुछ प्रमुख किताबें हैं, जो आपको आत्मचिंतन और ध्यान की गहराइयों में ले जाएंगी:

संभोग से समाधि की ओर (संपूर्ण)

ओशो की यह पुस्तक जीवन, प्रेम और कामुकता के गहन पहलुओं पर आधारित है। “संभोग से समाधि की ओर” प्रेम और कामुकता को आध्यात्मिक यात्रा का प्रारंभिक चरण मानती है। यह बताती है कि कैसे प्रेम और कामुकता का सही अनुभव व्यक्ति को आंतरिक शांति और समाधि तक ले जा सकता है। ओशो के विचार पारंपरिक मान्यताओं को चुनौती देते हुए आत्मा, शरीर और मन के बीच संतुलन स्थापित करने का प्रयास करते हैं। यह पुस्तक प्रेम, ध्यान और आत्मा की गहराइयों को समझने का एक क्रांतिकारी दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है।

ध्यान सूत्र

ओशो की पुस्तक “ध्यान सूत्र” ध्यान के वास्तविक स्वरूप और उसकी गहराई को समझने का एक अनूठा प्रयास है। यह पुस्तक ध्यान को केवल एक प्रक्रिया नहीं, बल्कि जीवन का आधार मानती है। इसमें ओशो ने ध्यान के प्राचीन सूत्रों की व्याख्या करते हुए इसे आधुनिक जीवन के अनुकूल बनाया है।
“ध्यान सूत्र” सिखाती है कि कैसे अपने भीतर शांति, संतुलन और जागरूकता को विकसित किया जाए। इसमें ध्यान की सरल विधियों और प्रायोगिक ज्ञान को सम्मिलित किया गया है, जो हर व्यक्ति को अपनी आत्मा की गहराई तक पहुंचने में मदद करता है। यह पुस्तक ध्यान के माध्यम से जीवन को नई दिशा और उद्देश्य देने का मार्गदर्शन करती है।

मैं मृत्यु सिखाता हूँ

ओशो की पुस्तक “मैं मृत्यु सिखाता हूँ” जीवन और मृत्यु की गहरी समझ का मार्गदर्शन करती है। यह पुस्तक मृत्यु के भय को समाप्त कर इसे एक नई दृष्टि से देखने का अवसर प्रदान करती है। ओशो ने इसमें बताया है कि मृत्यु कोई अंत नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत है।
“मैं मृत्यु सिखाता हूँ” पाठकों को यह समझाने का प्रयास करती है कि मृत्यु को जीवन का स्वाभाविक और सुंदर हिस्सा मानकर कैसे स्वीकार किया जाए। इसमें ओशो ने मृत्यु के रहस्यों को सरल और गहन तरीके से उजागर किया है, जो जीवन को अधिक पूर्ण और सार्थक बनाने में सहायक है। यह पुस्तक उन सभी के लिए है जो मृत्यु के माध्यम से जीवन को गहराई से समझना चाहते हैं।

जीवन की खोज

ओशो की पुस्तक “जीवन की खोज” आत्मा, जीवन, और जागरूकता की गहरी पड़ताल करती है। यह पुस्तक जीवन को एक रहस्य और एक यात्रा के रूप में देखने की प्रेरणा देती है। ओशो ने इसमें बताया है कि जीवन का असली अर्थ क्या है और इसे कैसे जीया जाना चाहिए।
“जीवन की खोज” सिखाती है कि कैसे ध्यान, प्रेम और समझ के माध्यम से अपने भीतर की गहराई को तलाशा जाए। इसमें ओशो ने जीवन के हर पहलू – सुख-दुख, सफलता-असफलता, और जन्म-मृत्यु – पर विचार करते हुए पाठकों को अपने वास्तविक स्वरूप को पहचानने की राह दिखाई है। यह पुस्तक आत्म-जागरूकता और जीवन के सार को समझने का एक अनमोल खजाना है।

शिव सूत्र

ओशो की पुस्तक “शिव सूत्र” प्राचीन तंत्र पर आधारित एक अद्वितीय रचना है। इसमें भगवान शिव द्वारा मां पार्वती को दिए गए 112 ध्यान सूत्रों की गहन व्याख्या की गई है। ओशो ने इन सूत्रों को आधुनिक जीवन के अनुकूल बनाते हुए बताया है कि कैसे इन ध्यान विधियों के माध्यम से आत्म-जागरण और परम आनंद की अवस्था को प्राप्त किया जा सकता है।
“शिव सूत्र” सिखाती है कि ध्यान के माध्यम से व्यक्ति अपने भीतर छुपे असीम संभावनाओं को कैसे जाग्रत कर सकता है। यह पुस्तक शिव के तंत्र दर्शन को सरल, वैज्ञानिक और व्यावहारिक दृष्टिकोण से प्रस्तुत करती है। यह उन सभी के लिए एक मार्गदर्शक है, जो ध्यान के माध्यम से अपने जीवन को उच्चतम स्तर तक ले जाना चाहते हैं।

शून्य समाधि

ओशो की पुस्तक “शून्य समाधि” ध्यान, शांति और आत्मा की गहराइयों को समझने का एक अद्भुत मार्गदर्शन है। इस पुस्तक में ओशो ने बताया है कि “शून्यता” केवल खालीपन नहीं, बल्कि पूर्णता की स्थिति है। शून्य समाधि वह अवस्था है, जहां मन शांत हो जाता है और व्यक्ति अपनी वास्तविकता का अनुभव करता है।
“शून्य समाधि” सिखाती है कि कैसे ध्यान और जागरूकता के माध्यम से व्यक्ति अपने भीतर की ऊर्जा को जाग्रत कर सकता है। इसमें ओशो ने सरल और प्रभावी तरीके से समाधि की स्थिति को प्राप्त करने के मार्ग बताए हैं। यह पुस्तक उन सभी के लिए है, जो शांति और आत्मिक संतुलन की खोज में हैं।

एक ओंकार सतनाम

ओशो की पुस्तक “एक ओंकार सतनाम” सिख धर्म के मूल मंत्र “एक ओंकार सतनाम” की गहरी व्याख्या और रहस्यमयी अर्थ को उजागर करती है। इसमें ओशो ने बताया है कि यह मंत्र केवल शब्दों का समूह नहीं, बल्कि जीवन की सबसे बड़ी सच्चाई का प्रतीक है। “एक ओंकार” ब्रह्मांड की एकता और “सतनाम” सत्य के स्वरूप को दर्शाता है।
ओशो ने इस पुस्तक में सरल और प्रभावशाली भाषा में बताया है कि कैसे यह मंत्र ध्यान, प्रेम और सत्य को समझने की कुंजी है। “एक ओंकार सतनाम”आत्मा और ब्रह्मांड के बीच के गहरे संबंध को समझने के लिए एक मार्गदर्शक है। यह पुस्तक हर उस व्यक्ति के लिए है, जो जीवन के गूढ़ रहस्यों को समझना चाहता है।

ओशो की किताबें