आईना पुस्तक में लेखक ने हमारे समाज में व्यापक विसंगतियों को व्यंगात्मक शैली में दोहे, शेर, तज़मीन व मुक्तक विधाओं में प्रभावशाली ढंग से उजागर किया है, भाषा सरल हिन्दुस्तानी है।
हमें यकीन है पाठकगण इसका स्वागत करेंगे और भरपूर आनन्द उठाएंगे
About the Author
पैथोलॉजिस्ट, मंचीय हास्यव्यंग कवि, गायक, गीतकार, संयोजक, संचालक, लेखक, मोटिवेशनल वक्ता
नाम : डाक्टर विजय मित्तल
जन्म : 19.10.1960
शिक्षा : एम.बी.बी.एस, डी.सी.एच, एम.डी (पैथोलॉजी) QM AHO, दिल्ली
पद : पैथोलॉजिस्ट, एस. ए. जी ऑफिसर, दिल्ली सरकार
कृतियां : हिंदी, उर्दू, इंग्लिश में 3000 से अधिक काव्य रचनाएं व 1000 से अधिक गीतों का मंच पर गायन व रिकॉर्डिंग
बारह पुस्तकें प्रकाशितः
फ़ासले, कभी-कभी, साथिया, डायरी – अंतर्जीवन के साक्ष्य – ( पुरुस्कृत), आपकी सेहत (एन. बी. टी. 2017), ग़ज़ल ऐसे कहें, भारत कवि की नज़र से, सुखी सरल सफल जीवन, लपेटे में (हास्यव्यंग), Shades of life (English Poems), बॉलीवुड गीतों के जादुई फ़नकार, वो चाँद प्यारा प्यारा।
क्रियता :
आकाशवाणी, दूरदर्शन व विभिन्न मंचों पर बतौर मज़ाहिया शायर, पैथोलॉजिस्ट व मोटिवेशनल स्पीकर सक्रिय, राष्ट्रीय कवि सम्मेलन, हिंदी अकादेमी, दिल्ली सरकार, जश्ने रेख्ता, जश्ने अदब, गालिब तमसिली मुशायरा, आल इंडिया मुशायरा, उर्दू अकादेमी, दूरदर्शन उर्दू का रंगे सुखन मुशायरा, न्यू ईयर इव मुशायरा आदि में मज़ाहिया कलाम, ग़ज़ल व कवितायें अनेक पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित।
मलयालम मनोरमा ईयर बुक में निरंतर लेख