ईसप प्राचीन एथेंस के मशहूर किस्सागो थे। प्राचीन एथेंस की दास-प्रथा व्यवस्था में ये भी एक दास हुआ करते थे। दास-प्रथा का स्वयं अनुभव होने के कारण, जुल्म और अत्याचार देखने के कारण उनका हृदय अशांत हो उठा। इन सभी अनुभवों, अहसासों को उन्होंने कहानी, किस्सों के रूप में गढ़ा। वो जगह-जगह घूमकर बच्चों को कहानियाँ सुनाते। बच्चे भी उनसे कहानियाँ सुनने की फरमाइश करते। इन कहानियों की इतनी प्रसिद्धि हुई कि पूरी दुनिया में इनका प्रचार-प्रसार हुआ। हिन्दी के जाने-माने साहित्यकार प्रकाश मनु ने ईसप की ढेर सारी कहानियों को एक नए और खूबसूरत अंदाज में पेश किया है। उन्होंने इतनी सुंदर और भावपूर्ण भाषा में इन्हें लिखा है कि बच्चे-बड़े सभी इन्हें उत्सुकता से पढ़ेंगे। इस संग्रह में “जब पहियों ने मचाया शोर”, “पहले खुद तो कोशिश करो”, “हम सब मिलकर रहेंगे”, “कंजूस का धन” जैसी कहानियाँ शामिल हैं।


Aesop’s Ki Prasidh Kahaniyan : Story Books in Hindi | Hindi Short Stories for Children
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ईसप प्राचीन एथेंस के मशहूर किस्सागो थे। प्राचीन एथेंस की दास-प्रथा व्यवस्था में ये भी एक दास हुआ करते थे। दास-प्रथा का स्वयं अनुभव होने के कारण, जुल्म और अत्याचार देखने के कारण उनका हृदय अशांत हो उठा। इन सभी अनुभवों, अहसासों को उन्होंने कहानी, किस्सों के रूप में गढ़ा। वो जगह-जगह घूमकर बच्चों को कहानियाँ सुनाते। बच्चे भी उनसे कहानियाँ सुनने की फरमाइश करते। इन कहानियों की इतनी प्रसिद्धि हुई कि पूरी दुनिया में इनका प्रचार-प्रसार हुआ। हिन्दी के जाने-माने साहित्यकार प्रकाश मनु ने ईसप की ढेर सारी कहानियों को एक नए और खूबसूरत अंदाज में पेश किया है। उन्होंने इतनी सुंदर और भावपूर्ण भाषा में इन्हें लिखा है कि बच्चे-बड़े सभी इन्हें उत्सुकता से पढ़ेंगे। इस संग्रह में “जब पहियों ने मचाया शोर”, “पहले खुद तो कोशिश करो”, “हम सब मिलकर रहेंगे”, “कंजूस का धन” जैसी कहानियाँ शामिल हैं।
ISBN10-9357188517
Additional information
Author | Pratibha Kasturia |
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ISBN | 9789357188517 |
Pages | 96 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
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ISBN 10 | 9357188517 |