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Bachchon Ko Seekh Dene Wali 51 Kahaniyan (बच्चों को सीख देने वाली 51 कहानियां)

Original price was: ₹250.00.Current price is: ₹249.00.

बच्चों को सीख देने वाली 51 कहानियां एक संग्रह है जिसमें नैतिक और प्रेरणादायक कहानियां शामिल हैं। ये कहानियां बच्चों को जीवन के महत्वपूर्ण मूल्य जैसे ईमानदारी, साहस, मेहनत, और सहयोग सिखाती हैं। सरल भाषा और रोचक कथानक के साथ, यह पुस्तक बच्चों के नैतिक विकास और सामाजिक समझ को बढ़ाने में सहायक है।

ISBN10: 8128834053

Original price was: ₹250.00.Current price is: ₹249.00.

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Bachchon Ko Seekh Dene Wali 51 Kahaniyan (बच्चों को सीख देने वाली 51 कहानियां)

पुस्तक के बारे में

कहानियाँ बच्चों को खेल-खेल में बहुत कुछ सिखाती हैं। जो काम गूढ़ बातों और उपदेशों से भरे बड़े-बड़े पोथे नहीं कर पाते, उसे नन्ही-नन्ही रोचक कहानियाँ बड़े मजे से कर दिखाती हैं। इसलिए कि कहानियाँ हजारों वर्षों से बच्चों की दोस्त रही हैं और दोस्त बनी रहेंगी। बच्चे कहानियों को पढ़ते या सुनते हुए कभी नहीं थकते। और हर बार उनकी जिज्ञासा इस एक नन्हे सवाल के साथ सामने आती है कि फिर क्या हुआ नानी? बच्चा जो सुनता है, उसे गुनता ही नहीं, कहानी से जुड़ी कल्पना के पंखों पर सवार होकर हजारों मील दूर, क्षितिज के पार चला जाना चाहता है और वहाँ जो घट रहा है, उसे अपनी आँखों से देखना और महसूस करना चाहता है।
बच्चों को सीख देने वाली इक्यावन कहानियों का यह खूबसूरत रंगारंग गुलदस्ता तैयार किया है साहित्य अकादमी से पुरस्कृत, जाने-माने साहित्यकार प्रकाश मनु ने। आशा है, बच्चे इनसे बहुत कुछ सीखेंगे और इन कहानियों के आनंद की फुहारों से भीगेंगे भी।

लेखक के बारे में

प्रकाश मनु – सुप्रसिद्ध साहित्यकार, संपादक और बच्चों के प्रिय लेखक । मूल नाम : चंद्रप्रकाश विग ।
जन्म : 12 मई, 1950 को शिकोहाबाद, उत्तर प्रदेश में।
शिक्षा : आगरा कॉलेज, आगरा से भौतिक विज्ञान में एम.एस-सी. (1973)। फिर साहित्यिक रुझान के कारण जीवन का सारा ताना-बाना ही बदल गया। पूरा जीवन लिखने-पढ़ने के लिए समर्पित करने का निश्चय। लगभग ढाई दशकों तक बच्चों की लोकप्रिय पत्रिका ‘नंदन’ के संपादन से जुड़े रहे। अब स्वतंत्र लेखन प्रसिद्ध साहित्यकारों के संस्मरण, आत्मकथा तथा बाल साहित्य से जुड़ी कुछ बड़ी योजनाओं पर काम कर रहे हैं। मनु जी के ‘यह जो दिल्ली है’, ‘कथा सर्कस’ और ‘पापा के जाने के बाद’ उपन्यास बहुत चर्चित हुए। ‘अंकल को विश नहीं करोगे’, ‘अरुंधती उदास है’, ‘मिसेज मजूमदार’, ’21 श्रेष्ठ कहानियाँ’, ‘तुम याद आओगे लीलाराम’ और ‘प्रकाश मनु की लोकप्रिय कहानियाँ’ समेत कोई डेढ़ दर्जन संग्रह ‘एक और प्रार्थना’ और ‘छूटता हुआ घर’ कविता संकलन खासे सराहे गए। ‘मेरी आत्मकथा : रास्ते और पगडंडियाँ’, ‘मैं मनु’, ‘यादें घर-आँगन की’ तथा ‘मैं और मेरी जीवन कहानी’ में लेखक होने की रोमांचक कथा ।
बाल साहित्य का पर्याय कहे जाने वाले प्रकाश मनु जी की बच्चों के लिए विभिन्न विधाओं की डेढ़ सौ से अधिक रुचिकर पुस्तकें हैं, जिन्हें बच्चे ही नहीं, बड़े भी ढूँढ़- ढूँढ़कर पढ़ते हैं। इनमें प्रमुख हैं- प्रकाश मनु की चुनिंदा बाल कहानियाँ, मेरे मन की बाल कहानियाँ, धमाल – पंपाल के जूते, एक स्कूल मोरों वाला, खुशी का जन्मदिन, मैं जीत गया पापा, मातुंगा जंगल की अचरज भरी कहानियाँ, मेरी प्रिय बाल कहानियाँ, बच्चों की 51 हास्य कथाएँ, गंगा दादी जिंदाबाद, किस्सा एक मोटी परी का, चश्मे वाले मास्टर जी (कहानियाँ), प्रकाश मनु के संपूर्ण बाल उपन्यास (दो खंड), गोलू भागा घर से, एक था ठुनदुनिया, चीनू का चिड़ियाघर, नन्ही गोगो के कारनामे, पुंपू और पुनपुन, नटखट कुप्पू के अजब-अनोखे कारनामे, खजाने वाली चिड़िया (उपन्यास), मेरी संपूर्ण बाल कविताएँ, प्रकाश मनु की 100 श्रेष्ठ बाल कविताएँ, बच्चों की एक सौ एक कविताएँ, मेरी प्रिय बाल कविताएँ, मेरे प्रिय शिशुगीत(कविताएँ), प्रकाश मनु के श्रेष्ठ बाल नाटक, मुनमुन का छुट्टी क्लब, बच्चों के अनोखे हास्य नाटक, बच्चों के रंग-रंगीले नाटक ( बाल नाटक ), विज्ञान फंतासी कथाएँ, अजब अनोखी विज्ञान कथाएँ, अद्भुत कहानियाँ ज्ञान-विज्ञान की (बाल विज्ञान साहित्य )।
हिंदी में बाल साहित्य का पहला बृहत् इतिहास ‘हिंदी बाल साहित्य का इतिहास’ लिखा। इसके अलावा ‘हिंदी बाल कविता का इतिहास’, ‘हिंदी बाल साहित्य के शिखर व्यक्तित्व’, ‘हिंदी बाल साहित्य के निर्माता’ और ‘हिंदी बाल साहित्य : नई चुनौतियाँ और संभावनाएँ’ पुस्तकें भी हैं। कई पुस्तकों का पंजाबी, सिंधी, मराठी, गुजराती, कन्नड़ समेत अन्य भारतीय भाषाओं में अनुवाद |
पुरस्कार : बाल उपन्यास ‘एक था ठुनठुनिया’ पर साहित्य अकादेमी का पहला बाल साहित्य पुरस्कार। उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के ‘बाल साहित्य भारती’ पुरस्कार और हिंदी अकादमी के ‘साहित्यकार सम्मान’ से सम्मानित । कविता-संग्रह ‘छूटता हुआ घर’ पर प्रथम गिरिजाकुमार माथुर स्मृति पुरस्कार |

बच्चों को सीख देने वाली 51 कहानियां किस बारे में है?

बच्चों को सीख देने वाली 51 कहानियां एक संग्रह है जिसमें नैतिक और शिक्षाप्रद कहानियाँ शामिल हैं जो बच्चों के व्यक्तित्व विकास और नैतिकता के निर्माण में सहायक होती हैं।

बच्चों को सीख देने वाली 51 कहानियां के लेखक कौन हैं?

बच्चों को सीख देने वाली 51 कहानियां में कई पारंपरिक और लोकप्रिय कहानियाँ शामिल हैं, जो विभिन्न लेखकों और कहानियों के माध्यम से बच्चों को सिखाने के लिए चुनी गई हैं।

बच्चों को सीख देने वाली 51 कहानियां बच्चों के मानसिक विकास में सहायक है?

बच्चों को सीख देने वाली 51 कहानियां बच्चों को नैतिक और सामाजिक मूल्यों को समझने में मदद करती है, जिससे उनके मानसिक और भावनात्मक विकास में सहारा मिलता है।

बच्चों को सीख देने वाली 51 कहानियां सभी उम्र के बच्चों के लिए उपयुक्त है?

हाँ, बच्चों को सीख देने वाली 51 कहानियां 4 से 12 वर्ष के बच्चों के लिए विशेष रूप से उपयुक्त है, लेकिन यह कहानियाँ सभी आयु वर्ग के बच्चों के लिए प्रेरणादायक हो सकती हैं।

क्या बच्चों को सीख देने वाली 51 कहानियां को स्कूलों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है?

बच्चों को सीख देने वाली 51 कहानियां को नैतिक शिक्षा और बच्चों को सीख देने के लिए स्कूलों में भी पढ़ाया जा सकता है।

Additional information

Weight 250 g
Dimensions 21.6 × 14 × 1.18 cm
Author

Prakash Manu

ISBN

9788128834059

Pages

196

Format

Paper Back

Language

Hindi

Publisher

Tubby Good Habits Series : Loves To Go School

ISBN 10

8128834053

SKU 9788128834059 Categories , , Tags ,